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यहां भूखमरी के हालात ऐसे कि कूड़े से खाना बीनकर खाने को मजबूर सैकड़ों लोग

Published: Jan 21, 2018 11:05:59 am

Submitted by:

Ravi Gupta

यहां पर भूखमरी के हालात ऐसे है कि लोग कचरे से खाना बीनकर भी खाने को मजबूर है।

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नई दिल्ली। हमें अकसर चीज़ों को लेकर कुछ न कुछ शिकायत होती ही है। चाहें वो पहनावे को लेकर या फिर बात खानें की हो। लेकिन एक बार खानें को फें कने से पहले उन लोगों के बारे में ज़रूर सोंचे जिन्हें दिन में एक वक्त का खाना भी बड़ी ही मुश्किल से मिल पाता है। एक ऐसेे वाक्ये से हम आज आपका सामना करवाएंगे जिसे पढ़कर आप सोच में पडऩे को ज़रूर मजबूर हो जाएंगे। ये घटना है यमन की, जहां पिछले कई सालों से जंग चलने के कारण यहां लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है और तो और यहां के निवासी तमाम समस्याओं से घिर गए है और उन समस्याओं में से ही एक है भूखमरी।
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यहां पर भूखमरी के हालात ऐसे है कि लोग कचरे से खाना बीनकर भी खाने को मजबूर है। यहां पर एक ऐसा ही परिवार रुजैक का है। इस परिवार में कूल 18 लोग रहते हैं और इनके हालात ऐसे है कि इन्हें एक कचरे के मैदान में रहना पड़ता है और जीवन-यापन के लिए रूजैक का परिवार कूड़े के ढ़ेर पर ही निर्भरहै। एक रिपोर्ट के अनुसार यहां पर हो रहे इस युद्ध ने करीब 18 लाख से ज्यादा लोगों को कुपोषण का शिकार बना दिया है। सऊदी के हवाई हमलों के कारण नॉर्थ-वेस्ट यमन के निवासी रुजैक और उसके परिवार को अपने घर के साथ-साथ अपने शहर को भी छोडऩा पड़ा।
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शहर छोडऩे के बाद रूजैक का परिवार रेड सी के होदेइदाह पोर्ट पर अपने एक रिश्तेदार के यहां शरण ली थी लेकिन पैसे के अभाव के चलते उन्हें ये जगह भी छोडऩी पड़ी। इसके बाद रहने के लिए रूजै़क का परिवार हाउती विद्रोहियों के कंट्रोल वाले इलाके में स्थित एक कचरे के मैदान में रहने लगे। इस मैदान में पहले से ही कई अन्य लोग भी मौजूद थे। मात्र 11 साल के रूज़ैक से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि हम कचरे में फेंका हुआ खाना-पीना खाते हैं। इसमें से हम फिश, मीट, आलू, प्याज और अनाज इक_ा कर अपना खाना बनाते हैं।
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इस मैदान में रहने वाली फातिमा ने कहा कि युद्ध के चलते उनकी स्थिति काफी खराब हो गई है। आपको बता दें कि यमन में जंग के चलते करीब 20 लाख लोग विस्थापित हो गए है और तो और 10 हज़ार से भी ज्य़ादा लोगों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा है।इन सब का असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

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