नई दिल्ली। धर्म परिवर्तन का एक और किस्सा सामने आया लेकिन इस बार ये घटना पाकिस्तान में हुआ है। हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान में स्थित सिंध की दरगाह के बारे में जहां एक हिंदू लड़की को मुस्लिम बनाए जाने पर ये काफी चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें कि निशा नाम की एक हिंदू लड़की को पहले अगवाकर उसे सिंध की दरगाह में लाया गया जहां उससे ज़बरदस्ती ईस्लाम धर्म कबूल करने को कहा गया और सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि धर्मान्तरण के बाद निशा का निकाह तक कर डाला गया, हालांकि निशा के पिता ने इस बात की शिकायत पुलिस में दर्ज करायी है।
ये वाक्या जिस दरगाह में हुआ उसे भरचंडी के नाम से जाना जाता है। इस दरगाह की संचालना पीर मियां शमां करते हैं जो कि मियां मि_ू के भाई है। मियां मि_ू मौलवी होने के साथ ही वहां के स्थानीय नेता भी है।
ज़बरदस्ती धर्मान्तरण करवाने को लेकर जब इन दोनों भाइयों से पूछा गया तो इन्होंने इस बात को मानने से साफ इंकार कर दिया और उनका ये कहना था कि वो हिंदू लड़कियों को उनकी मर्जी से धर्मान्तरण करवाया इसमें ज़बरदस्ती की कोई गु़ंजाइश ही नहीं है। लेकिन मानवाधिकार आयोग ने इस बात को खारिज करते हुए कहा कि हर महीने करीब बीस हिंदू लड़कियों को यहां अगवा कर लाया जाता है।
सिंध के घोटकी जिले के भरचंडी में स्थित इस दरगाह के मौलवी पर ये भी आरोप लगा है कि वो नाबालिग हिंदू और ईसाई धर्म की लड़कियों को अगवा कर यहां उनका शारीरिक शोषण भी करता है।
बता दें कि पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ के लीडर और सिंध के कंधकोट के डॉ जसपाल छाबडिय़ा ने ये आरोप लगाया था कि यहां 13 वर्ष की लड़की को किडनैप किया गया फिर उसका धर्मान्तरण किया गया और फिर एक 52 वर्ष के अधेड़ उम्र के व्यक्ति से उसका निकाह करा दिया गया।
बता दें कि चर्चा में आए निशा का धर्म परिवर्तन करने के बाद उसका नाम अब सकीना रख दिया गया है।