दुनिया के सबसे अमीर देश के राष्ट्रपति के खिलाफ मुकदमा दायर परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र उत्तर कोरिया की ओर से उठाए गए इस कदम को भारत और पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण के तौर पर समझ सकते हैं। भारत और पाकिस्तान ने भी साल 1998 में छह परमाणु परीक्षण किए थे। इस परीक्षण के बाद अब दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों में गिने जाते हैं, लेकिन दोनों देशों ने छह परीक्षणों के बाद से अब तक कोई भी परीक्षण नहीं किया है। इस बात को अगर उत्तर कोरिया पर लागू करेंं तो वह भी भारत और पाक की तरह चलता दिख रहा है। उत्तर कोरिया ने उपलब्ध स्त्रोतों से परमाणु हथियारों के डिज़ाइन से जुड़ी जानकारी का आठ साल तक अध्ययन किया। बता दें कि कोरिया ने भी छह बार परीक्षण किया है। परीक्षण करने के बाद अब उत्तर कोरिया भी परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों में गिना जाता है। इसलिए अब वह और कोई परीक्षण नहीं करना चाहता,जिसका कारण है कि उसने अब परमाणु परीक्षणों पर विराम लगाने की बात कही है।
काबुल: वोटर आईडी सेंटर पर आत्मघाती हमले में 31 की मौत, 50 घायल अहम मानकों को छूना वहीं, अगर आप साल 2016 और 2017 में आए उत्तर कोरिया की ओर से किए गए पांचवे और छठवें परीक्षण को बारीकी से देखें तो पता चलता है कि इसने अहम मानकों को छुआ है। उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया की माने तो, 2016 के परीक्षण में एक कॉम्पैक्ट न्युक्लियर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था। इस डिवाइस को कम,मध्यम, इंटर-मीडियम और इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल पर लगाया जा सकता है।
शक्तिशाली परमाणु हथियार आपको बता दें कि इन मिसाइलों की मारक क्षमता दूसरे विश्वयुद्ध के समय अमरीका द्वारा नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बम से दो-तीन गुना ज्यादा है। लेकिन चिंताजनक बात ये है कि उत्तर कोरिया ने हालिया दिनों में जो परमाणु परीक्षण किए हैं,उनके पास अत्यंत शक्तिशाली परमाणु हथियार बनाने की क्षमता है।
एक शहर को ख़त्म करने की क्षमता वाला परमाणु बम लेकिन इस मुद्दे पर सभी की एक राय नहीं है । स्वतंत्र विश्लेषक और कई राष्ट्रीय ख़ुफिया संस्थाओं का इस मुद्दे पर अपनी अलग-अलग राय है। उत्तर कोरिया के दावों के मुताबिक उसने थर्मोन्यूक्लियर बम बनाने में महारत हासिल कर ली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सीस्मिक डेटा बताता है कि उत्तर कोरिया के पास एक शहर को ख़त्म करने जितनी मारक क्षमता वाला परमाणु बम है।