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जानिए रक्षा मंत्रालय का स्वरूप, इस तरह से समय के साथ मंत्रालय में आए बड़े बदलाव

locationनई दिल्लीPublished: May 25, 2019 04:43:17 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

रक्षा मंत्रालय के चार विभाग
कोलकाता में वर्ष 1776 में हुई थी स्थापना
आजादी के बाद रक्षा मंत्रालय में आया बड़ा बदलाव

ministry of defence

जानिए रक्षा मंत्रालय का स्वरूप, इस तरह से समय के साथ मंत्रालय कें आए बड़े बदलाव

नई दिल्ली। भारत सरकार के आधीन हर भाग की सुरक्षा का जिम्मा रक्षामंत्रालय के हाथ में होता है। सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास होती है। रक्षा मंत्रालय सेनाओं की नीति और दिशा तय करता है। रक्षा मंत्रालय में चार विभाग हैं अर्थात रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग तथा इनके अलावा वित्त प्रभाग भी। इस समय देश के रक्षा मंत्रालय का प्रभार निर्मला सीतारमण के हाथों में हैं।

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रक्षा मंत्रालय का इतिहास

कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने सबसे पहले वर्ष 1776 में सैन्य विभाग की स्थापना की थी। इसका काम था कि सेना से संबंधित आदेशों की जांच के साथ उसका रिकॉर्ड रखना था। विभाग ने शुरू में लोक विभाग की एक शाखा के रूप में काम किया। सबसे पहले उसने सैन्य कर्मियों की सूची बनाने का काम किया। 1883 के चार्टर अधिनियम के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार के सचिवालय को एक सैन्य विभाग साहित चार विभागों में पुनर्गठित किया गया था। इनमें से प्रत्येक विभाग का प्रमुख सरकार का एक सचिव था। भारत में 1857 के विद्रोह को देखते हुए सेना को मजूबत स्थिति प्रदान करने के लिए बंगाल, मुंबई और मद्रास प्रेसीडेंसियों की सेना को एक साथ करने का फैसला लिया गया। 1895 के बाद उन्हें एकल भारतीय सेना के रूप में एकीकृत कर दिया था।

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1947 में रक्षा विभाग को मंत्रालय के अधीन लाया गया

प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे चार कमानों अर्थात पंजाब (उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर सहित),बंगाल, मद्रास (बर्मा सहित) तथा मुंबई (सिंध, क्वेटा तथा अदन सहित) में बांटा गया। पहले दो सदस्य सैन्य कार्यों के लिए जिम्मेवार थे, जिनमें से एक सैन्य सदस्य था, जो सभी प्रशासनिक तथा वित्तीय मामले देखता था। वहीं दूसरा कमांडर-इन-चीफ था जो सभी तरह की सैन्य मामलों के लिए जिम्मेवार था। सैन्य विभाग मार्च 1906 में समाप्त कर दिया गया और इसे दो विभागों द्वारा दोबारा स्थापति कर दिया गया। सेना विभाग और सैन्य आपूर्ति विभाग। अप्रैल, 1909 में सैन्य आपूर्ति विभाग समाप्त कर दिया गया था और इसके कार्यों का प्रभार सेना विभाग ने लिया। सेना विभाग को जनवरी 1938 में रक्षा विभाग के रूप में पदनामित कर दिया गया था। अगस्त 1947 में रक्षा विभाग एक केबिनेट मंत्री के अधीन रक्षा मंत्रालय बन गया।
रक्षा मंत्रालय को एक कमांडर-इन-चीफ के अधीन

रक्षा मंत्रालय को एक कमांडर-इन-चीफ के अधीन रखा गया । 1955 में कमांडर-इन-चीफों के नाम थलसेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष तथा वायुसेनाध्यक्ष रखा गया। नवंबर 1962 में रक्षा उपस्करों के अनुसंधान, विकास तथा उत्पादन के कार्यों को देखने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग बनाया गया। नवंबर 1965 में,रक्षा आवश्यकताओं के आयात प्रतिस्थापन के लिए योजनाएं बनाने तथा उन्हें कार्यान्वित करने के लिए रक्षा पूर्ति विभाग बनाया गया। दोनों विभागों को मिलाकर एक रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग बना दिया गया। 2004 में रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग का नाम बदलकर रक्षा उत्पादन विभाग कर दिया गया। 1980 में रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग बनाया गया। 2004 में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग बनाया गया ।
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अब तक के रक्षा मंत्री

बलदेव सिंह : 2 सितंबर 1946 – 10 मई 1952
गोपालस्वामी अय्यंगर: 1952-1953
जवाहरलाल नेहरू: 1953-1955
कैलाश नाथ काटजू : 1955-1957
जवाहरलाल नेहरू: 1957-1957
वीके कृष्णा मेनन : 1957-1962
जवाहरलाल नेहरू: 1962-1962
यशवंतराव चव्हाण: 1962-1966
स्वर्ण सिंह: 1966-1970
जगजीवन राम: 1970-1974
स्वर्ण सिंह: 1974-1975
इंदिरा गांधी: 1975-1975
बंसीलाल: 21 दिसंबर 1975 – 24 मार्च 1977
जगजीवन राम: 24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979
चिदंबरम सुब्रमण्यम: 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980
इंदिरा गांधी: 16 जनवरी 1980 – 15 जनवरी 1982
आर वेंकटरामन: 15 जनवरी 1982 – 2 अगस्त 1984
शंकरराव चव्हाण: 2 अगस्त 1984 – 31 दिसंबर 1984
पीव़ी नरसिम्हा राव: 31 दिसंबर 1984 – 25 सितंबर 1985
राजीव गांधी: 25 सितंबर 1985, 24 जनवरी 1987
वीपी सिंह: 24 जनवरी 1987 – 12 अप्रैल 1987
केसी पंत: 12 अप्रैल 1987 – 1 दिसंबर 1989
वीपी सिंह:2 दिसंबर 1989 – 10 नवंबर 1990
चंद्र शेखर: 10 नवंबर 1990 – 21 जून 1991
शरद पवार: 21 जून 1991 – 6 मार्च 1993
पी नरसिम्हा राव: 6 मार्च 1993 – 16 मई 1996
प्रमोद महाजन: 16 मई 1996 – 1 जून 1996
मुलायम सिंह: 1 जून 1996 – 19 मार्च 1998
जॉर्ज फर्नाडिस: 21 अक्टूबर 2001 – 22 मई 2004
प्रणब मुखर्जी: 22 मई 2004 – 24 अक्तटूबर 2006
एके एंटनी: 24 अक्टूबर 2006 – 26 मई 2014
अरुण जेटली: 13 मार्च 2017 – 3 सितंबर 2017
निर्मला सीतारमण: 3 सितंबर 2017

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