अमरीका से 24 MH-60 हेलीकॉप्टरों की खरीद अमरीकी विदेशी मिलटरी सेल्स कार्यक्रम के तहत होगी।2007 के बाद से यह पहला मौका होगा जब अमरीका भारत के साथ इतना बड़ा रक्षा सौदा कर रहा है। रूस और भारत के बीच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर हुई डील सेअमरीका एकदम खुश नहीं था। बताया जाता है कि रूस से हुई मिसाइल डील के बाद अमरीका हेलीकॉप्टर डील के लिए भारत पर दवाब बना रहा था। लेकिन बाद में भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अमरीका ने रूस के साथ हुई डील पर वह भारत को विशेष छूट दे दी। उसके बाद भारत ने भी दोनों देशों के आपसी संबंधों में संतुलन साधने की कोशिश की और अमरीका के साथ हेलीकॉप्टर डील का फैसला किया। ऐसी खबरें आ रही हैं कि भारत सरकार ने इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के लिए ट्रंप प्रशासन को 13,500 करोड़ रुपये की डील ऑफर की है। हेलीकॉप्टरों के अलावा भारत अमरीका से टोरपीडो और एंटी सबमरीन मिसाइल उपकरणों की खरीदारी का भी इच्छुक है।
अमरीका से मिलने वाला MH-60 सी हॉक्स हेलीकॉप्टर भारतीय नेवी के लिए बेहद अहम है। नेवी के जंगी जहाजों की क्षमता को बढ़ाने और ताकत देने के लिहाज से सरकार इस डील को 2024 तक पूरा करने की कोशिश में है। चीन और पाकिस्तान जिस तरह से अपनी नेवी को मजबूत बनाने की राह पर हैं उसको देखते हुए भारत भी अपनी सुरक्षा के लिए बेहद चौकन्ना हो गया है। चीनी परमाणु और डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीनस इन दिनों भारतीय समुद्री सीमा में बार-बार घुसने की कुचेष्टा करते रहते हैं।