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कश्मीर पर भारत ने मानवाधिकार परिषद को आईना दिखाया, नीतियों को जटिल बताया

Published: Nov 04, 2018 09:04:04 am

Submitted by:

Mohit Saxena

भारत ने अफसोस जताते हुए कहा कि मानवाधिकार परिषद का कामकाज अधिक विवादास्पद होता जा रहा है

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कश्मीर पर भारत ने मानवाधिकार परिषद को आईना दिखाया, नीतियों को जटिल बताया

संयुक्त राष्ट्र। कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट पर भारत ने मानवाधिकार परिषद को आईना दिखाने की कोशिश की है। भारत का कहना है अभी तक कश्मीर को लेकर यूएन का रवैया बेपरवाह रहा है। उसकी प्रक्रिए और नीतियों के कारण यह मुद्दा जटिल बना हुआ है। भारत ने अफसोस जताते हुए कहा कि मानवाधिकार परिषद का कामकाज अधिक विवादास्पद होता जा रहा है। पाकिस्तान का नाम लिए बगैर भारत ने विदेश नीति पर मानवाधिकार का राजनीतीकरण किए जाने की घटनाओं पर गहरी आपत्ति जताई।
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मानवाधिकार परिषद का विस्तार हो रहा

यूएन में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि तन्मय लाल ने कहा कि प्रस्तावों और निर्णयों की बढ़ती संख्या के कारण मानवाधिकार परिषद का विस्तार होता जा रहा है। इस दौरान यह स्पष्ट नहीं हो पाता है कि इसका काम कितना प्रभावी है। मानवाधिकार परिषद की रिपोर्ट पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में शुक्रवार को लाल ने कहा कि मानवाधिकार संधियों और समझौतों को लेकर व्यापक ढांचा तैयार किया गया है,लेकिन परिषद का काम,उससे जुड़ी प्रक्रियाएं मुश्किल होती जा रही हैं।
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आतंकवाद को लेकर पाक पर निशाना

भारत ने आतंकवाद को मानवाधिकार हनन का सबसे खराब रूप बताया। साथ ही इस खतरे से निपटने की संगठित अतंरराष्ट्रीय कोशिश को रोकने का प्रयास करने वाले कुछ देशों की निंदा की। तन्मय लाल ने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकार हनन के सबसे खराब शैलियों में से एक के रूप में उभरा है। उनके देश में बेगुनाह लोगों को लगातार आतंकी हमलों का सामना करना पड़ा है,जो हमारी सीमाओं के पार से उत्पन्न होते हैं।
स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग

इसी साल जून में मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन की रिपोर्ट में कश्मीर में कथित मानवाधिकार के हालात की जांच के लिए स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की गई थी। भारत ने इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। लाल ने कहा कि इस कथित रिपोर्ट से स्पष्ट तौर पर अधिकारी का पक्षपात झलकता है जो बिना किसी शासनादेश के काम कर रहे थे और उनकी रिपोर्ट सूचना के अपुष्ट सूत्रों पर आधारित थी।

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