भारतीय लाइसेंस से चला सकते हैं कार
बता दें कि विदेशी धरती पर कार ड्राइव करने वाले अरूण वर्मा और उनकी पत्नी ही अकेले नहीं हैं, जिन्होंने इसका लुफ्ट उठाया। उनकी तरह कई भारतीय सैलानियों ने विदेशी धरती पर कार चलाई। ये सब भारतीयों के लिए एक तौहफे जैसा है। लेकिन अब ये और आसान होने जा रहा है। दरअसल, अब भारतीय लाइसेंस के साथ ही लोगों को दूसरे देशों में गाड़ी चलाने की मंजूरी मिल रही है। इसका मतलब अब विदेशी धरती पर भारतीय पर्यटकों को कार चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चलाया गया अभियान
वहीं, इस संबंध में ऑस्ट्रेलियाज कंट्री मैनेजर निशांत काशीकर ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह नया अभियान चलाया गया था, जो लोगों को काफी पसंद आया। उन्होंने बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया में सड़क संबंधित नियम एक जैसे हैं। भारत और अॉस्ट्रेलिया में गाड़ी के स्टियरिंग राइट साइड पर होते हैं। इससे भारतीय पर्यटकों को अॉस्ट्रेलिया में सेल्फ ड्राइव हॉलिडे मनाने के लिए काफी आसानी हो जाती है। यही नहीं ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों में लोग अपने देश के लाइसेंस के साथ भी गाड़ी चला सकते हैं।
इन देशों में भारतीय लाइसेंस से पर्यटक चला सकते हैं कार
अॉस्ट्रेलिया और अमरीका के कई राज्यों के अलावा, वेस्टर्न यूरोप और न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में भी भारतीय सेल्फ ड्राइविंग का लुत्फ उठा सकते हैं।
विदेशी धरती पर कार ड्राइव करने के नियम
बता दें कि भारतीयों के लिए अमरीका, वेस्टर्न यूरोप और न्यूजीलैंड में सेल्फ ड्राइव हॉलिडे सबसे ज्यादा फेमस है। अमरीका के कई राज्यों सहित इन देशें में अपने भारतीय लाइसेंस के साथ पर्यटक ड्राइविंग कर सकते हैं। इसके लिए बस उनका लाइसेंस वैध होना चाहिए। वहीं, अमरीका में कार चलाने के लिए लाइसेंस के साथ-साथ आई-94 फॉर्म की कॉपी होनी भी जरूरी है, जिसमें व्यक्ति की अमरीका में आने की एंट्री दर्ज हो।
न्यूजीलैंड, जर्मनी और साउथ अफ्रीका में कार चलाने के नियम
बात करें न्यूजीलैंड की तो भारतीय लाइसेंस से कार चलाने के लिए न्यूजीलैंड़ की ट्रांसपोर्ट एजेंसी की मंजूरी आवश्यक होती है। इसके अलावा ड्राइविंग करने वाले की उम्र 21 साल होनी आवश्यक है। लाइसेंस के साथ उसके पास आधिकारिक भाषा में ट्रांसलेशन भी होना चाहिए। वहीं, जर्मनी में एंट्री दर्ज होने के तीन माह तक देसी लाइसेंस से ड्राइविंग की जा सकती है। साउथ अफ्रीका में लाइसेंस का अंग्रेजी ट्रांसलेशन होने के साथ ड्राइवर की फोटो और हस्ताक्षर भी होने चाहिए।
फ्रांस, इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में गाड़ी चलाने के नियम
वहीं, फ्रांस में गाड़ी चलाने के लिए साथ में लाइसेंस का फ्रेंच ट्रांसलेशन भी रखना होता है। बता दें कि वहां भारतीय लाइसेंस पर एक साल तक ड्राइविंग कर सकते हैं। इसके अलावा इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स में भी भारतीय एक साल तक सेल्फ ड्राइविंग के मजे ले सकते हैं। लेेकिन ऐसे में वहां उन्हें कुछ ही वाहन चलाने की अनुमति होगी। नार्वे में भी भारतीय लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाई जा सकती है लेकिन ऐसा देश में एंट्री दर्ज होने के केवल तीन माह तक ही किया जा सकता है।