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रोहिंग्या मुद्दे पर मानवाधिकार संस्थाओं की ऑस्ट्रेलिया से मांग, ‘म्यांमार संग सैन्य संबंध करें खत्म’

locationनई दिल्लीPublished: Sep 12, 2018 02:35:37 pm

Submitted by:

Shweta Singh

इन्होंने एक संयुक्त बयान में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए अत्याचार के लिए जिम्मेदार लोगों पर अभियोग चलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से सहायता की अपील की।

Human rights organisations asked australia to cut off relations with myanmar

रोहिंग्या मुद्दे पर मानवाधिकार संस्थाओं की आस्ट्रेलिया से मांग, ‘म्यांमार संग सैन्य संबंध करें खत्म’

कैनबरा। रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ हुए अत्याचार के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं ने ऑस्ट्रेलिया से एक कड़े कदम कि गुहार लगाई है। दरअसल इन संस्थाओं की मांग है कि ऑस्ट्रेलिया म्यांमार से अपने सैन्य संबंध खत्म कर दे और इसके साथ ही रोहिंग्याओं के खिलाफ ‘अत्याचार’ करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लागू करे। संस्थाओं ने बुधवार को इस संबंध में आग्रह किया।

मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय पर हुए अत्याचार के खिलाफ कदम में मांगी सहायता

इस मांग को उठाने वाली संस्थाओं में ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू), एमनेस्टी इंटरनेशनल (एआई), ह्यूमन राइट लॉ सेंटर व ऑस्ट्रेलियन काउंसिल फॉर इंटरनेश्नल डेवेलपमेंट जैसी संस्थाएं शामिल हैं। इन्होंने एक संयुक्त बयान में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय पर किए गए अत्याचार के लिए जिम्मेदार लोगों पर अभियोग चलाने के लिए ऑस्ट्रेलिया से सहायता की अपील की।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ऑस्ट्रेलिया की ओर से बयान

एमनेस्टी इंटरनेशनल ऑस्ट्रेलिया की आपदा अभियान समन्वयक डायना सैयद ने कहा, ‘उत्तरी रखाइन राज्य में रोहिंग्या ग्रामीणों के खिलाफ म्यांमार की सुरक्षा बलों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई के लिए जो भी दोषी हैं, जिनके भी हाथ खून से रंगे हुए हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’

ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य

इन चार संगठनों ने ऑस्ट्रेलिया से रोहिंग्या मामले को अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में भेजने लिए अंतरराष्ट्रीय अपील का समर्थन करने का आग्रह किया। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य है।

दो पत्रकारों को रिहा करने के लिए उठाई थी आवाज

बता दें कि इससे पहले नागरिक अधिकार समूहों ने बीते 4 सितंबर को म्यांमार से रॉयटर्स के दो पत्रकारों को रिहा करने का आग्रह किया। इन पत्रकारों को रखाइन में रोहिंग्या मुस्लिम नरसंहार की जांच के दौरान पुरातन सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई गई है। समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक, म्यांमार की एक अदालत ने बीते हफ्ते पत्रकार वा लोन और क्वाय सो ओ को औपनिवेशिक युग के ऑफीशियल सीक्रेट्स एक्ट के उल्लंघन के लिए सात साल जेल की सजा सुनाई थी।

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