जार्ज सांडर्स ने यह पुरस्कार जीतने के लिए तीन अमेरिकी लेखकों और दो ब्रितानी लेखकों को पीछे छोड़ा जो उनके साथ इस पुरस्कार को पाने के लिए होड़ में थे। पुरस्कार देने वालों में से एक लोला यंग ने पुरस्कारों की घोषणा के अवसर पर कहा कि जार्ज सांडर्स का ये उपन्यास बिल्कुल नये विचार से ओतप्रोत है। इसको पढऩे के बाद बिल्कुल कुछ नया पढऩे की खुशी मिलती है। लंबे समय बाद ऐसी कोई पुस्तक सामने आई है जो इस तरह की नवीनता प्रदान करता हो। कहानी कहने का अंदाज भी बहुत बुद्धिमत्तापूर्ण है, कहानी बहुत गहराई में पाठक का ध्यान खींचती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी कसा व्यंग पुरस्कार प्राप्त करते हुए जार्ज सांडर्स ने वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी व्यंग किया। उन्होंने कहा कि आजक ल अमेरिका में संस्कृति की बहुत बातें सुनने को मिल रही हैं। लेकिन असली संस्कृति वह है जो वे वहां प्राप्त कर रहे हैं। उनका इशारा सबके विचारों को सम्मान देने से जुड़ा था।
बुकर प्राइज के बारे में ये है खास इस बुकर प्राइज की स्थापना साहित्य के क्षेत्र में नवीनता को प्रोत्साहित करने के लिए १९६९ में की गई थी। शुरूआत में यह पुरस्कार सिर्फ कॉमनवेल्थ देशों के लेखकों के लिए ही था, लेकिन बाद में २०१४ में इसे अन्य अंग्रेजी बोलने वाले देशों के लोगों के लिए भी खोल दिया गया। जार्ज सांडर्स के पहले पॉल बेट्टी पहले अमेरिकी थे जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें ये पुरस्कार द सेलआउट पुस्तक के लिए दिया गया था।