माल्या की किस्मत का फैसला
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मिली सफलता के बाद भारत को उम्मीद है कि वह इस मामले में भी कानूनी लड़ाई जीत जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारी भी सीबीआई टीम के साथ गए हैं। माल्या बैंकों के 9,000 करोड़ रूपये के कर्ज अदायगी न करने के मामले में भारत द्वारा वांछित है। बता दें कि भारत सरकार की कमजोर निगरानी व्यवस्था के चलते माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। हालांकि अगस्ता मामले में भारत की सफलता से डरकर माल्या ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर सारा मूलधन लौटने की बात कही थी। गौरतलब है कि भारत लंबे वक्त से माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा है। कुछ समय पहले लंदन में विजय माल्या को गिरफ्तार भी किया गया था लेकिन उसे जमानत मिल गई थी।
एक तरफ जहां भारत सरकार विजय माल्या को भारत लाने की पूरी कोशिशें कर रही है। वहीं माल्या ने कहा है कि भारत में राजनीतिक वजहों से उसके मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। एक भारतीय अखबार से बातचीत में माल्या ने स्वीकार किया है कि भारत ने उसके मामले की निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं होगी। माल्या ने कहा,” मुझे डर है कि मेरे भारत आने पर मेरे साथ न्याय नहीं होगा और मुझे बेवजह कई मामलों में फंसा दिया जाएगा। माल्या ने भारतीय मीडिया पर आरोप लगाया है कि उसकी छवि खराब करने के लिए उसको डिफाल्टर घोषित कर दिया गया।