बोल्सनारो ने कहा कि, “जैसा कि पहले हमारे चुनाव अभियान के दौरान कहा गया था, हम ब्राजील के दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम में स्थानांतरित करना चाहते हैं। इजराइल एक संप्रभु राज्य है और हम इसका सम्मान करेंगे।” बोल्सनारो के सार्वजनिक वक्तव्य ने गुरुवार को हिब्रू समाचार पत्र इजराइल हाओम में छपी खबरों की पुष्टि की। ब्राजील के नव निर्वाचित राष्ट्रपति के इस फैसले का स्वागत करते इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने कहा, “मैं अपने मित्र ब्राजील के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जैयर बोल्सनारो को बधाई देता हूं। ब्राजील के दूतावास को येरुशलम में ले जाने का फैसला एक ऐतिहासिक सही और रोमांचक कदम है।” नेतन्याहू ने उत्साहपूर्वक गुरुवार को की गई घोषणा का स्वागत किया। बोल्सनारो की जीत के बाद नेतन्याहू ने उनको बधाई देते हुए कहा कि, “हमारे लोगों के बीच एक दोस्ती और ब्राजील तथा इजराइल के संबंधों को मजबूत करने का नेतृत्व करेंगे।”
बता दें कि इजराइल पूरे येरुशलम शहर को अपनी राजधानी मानता है, जबकि फिलिस्तीनियों के लिए यह उनकी भविष्य की राजधानी है।अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों के यरूशलेम में किये गए दावे पर निरपेक्ष बना हुआ है। कहा जा रहा है कि दूतावास का स्थानांतरण बोल्सनारो की उस छवि को साबित करती है जिसके अनुसार उन्हें ब्राजील का डोनाल्ड ट्रंप कहा जाता है। 28 अक्टूबर 2018 को पूर्व सेना कप्तान बोल्सनारो के ब्राजील का राष्ट्रपति चुनाव जीते जाने के बाद रियो डी जेनेरो में जश्न मनाए जाने का सिलसिला जारी है। बता दें कि दिसंबर में, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीका की पुरानी नीति को उलट दिया और यरूशलेम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी। इसके बाद फिलीस्तीनी अथॉरिटी के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने अमरीकी कानूनों का बहिष्कार किया।