29 वर्षीय सिगले के पिता ने बाद में स्थानीय समाचार आउटलेट्स को बताया कि उनका परिवार बेहद खुश है क्योंकि उनका बेटा सुरक्षित और स्वस्थ है। श्री सिगली की रिहाई की घोषणा पीएम मॉरिसन ने गुरुवार को संसद में की। उन्होंने कहा कि यह “विवेकपूर्ण, जटिल और संवेदनशील कांसुलर मामलों को हल करने में’ अधिकारियों की मेहनत का परिणाम था।
बता दें कि उत्तर कोरिया में एक ऑस्ट्रेलियाई छात्र ( Australian students ) को हिरासत में लिया गया था। ऑस्ट्रेलिया इस मामले की जांच कर रहा था । यही नहीं, हिरासत में लिए गए छात्र के परिजनों को वाणिज्य दूतावास की सहायता भी प्रदान की जा रही थी । इस बारे में दक्षिण कोरिया के सियोल स्थित ऑस्ट्रेलियाई दूतावास ने भी गुरुवार को जानकारी दी।
ऑस्ट्रेलियाई छात्र को स्वीडन दूतावास से मिल रही है मदद
मीडिया में जारी किए स्वीडन दूतावास के बयान के मुताबिक, ‘उत्तर कोरिया में हिरासत में लिए गए ऑस्ट्रेलियाई छात्र के परिजनों को विदेश मामले और व्यापार विभाग सहयता कर रहा था।’ बता दें कि कुछ दिन पहले निजता के कारण दूतावास ने कहा था कि हम अधिक नहीं देंगे।’ दूतावास ने अपने बयान में छात्र की पहचान उजागर नहीं की थी और इसके साथ ही उसके गायब होने की परिस्थितियों के बारे में भी कोई सूचना नहीं दी गई थी।
एलेक सिगले उत्तर कोरिया की हिरासत में
दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार सिगले प्योंगयांग में रहकर किम इल-संग यूनिवर्सिटी से कोरियाई साहित्य में ग्रैजुएशन कर रहा था। कुछ समय से उसका परिवार से संपर्क टूट गया था। इसके बाद उसके हिरासत में लेने की खबरें आईं। एक अज्ञात सूत्र के हवाले से कोरियाई चैनल ने एक सप्ताह पहले बताया था कि ऑस्ट्रेलिया के 29 वर्षीय पर्थ निवासी सिग्ले को अज्ञात कारणों से हिरासत में लिया गया है।