शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार से पूछा था कि किस फंड से दुर्गा पंडाल के लिए 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की जा रही है। ये सवाल हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार की तरफ से राज्य भर में 28 हजार दुर्गा पूजा समितियों को दस-दस हजार रुपए दिए जाने का ऐलान के बाद किया था।
इस मामले में 19 सितंबर को एक जनहित याचिका दायर कर सरकार के इस फैसले पर रोक लगाए जाने की मांग की गई थी। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश देबाशीष कर गुप्ता और न्यायमूर्ति सम्पा सरकार की डिवीजन बेंच ने की। शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट की इस बेंच ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि पूजा समितियों को आर्थिक मदद देने का आधार क्या है और सरकार किस आधार पर राजस्व का पैसा दुर्गा पूजा समारोह पर खर्च कर रही है। क्या आप सभी धर्मों के हर प्रमुख त्यौहार के लिए समान राशि देती हैं?
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल ममता सरकार ने पिछले दिनों दुर्गा पूजा समितियों को आर्थिक मदद के रूप में 10-10 हजार रुपए देने की घोषणा की थी। कोलकाता में 3,000 दुर्गा पूजा समितियां और पूरे राज्य में 25,000 समितियां हैं। सरकार के इस काम के लिए 28 करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया था। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।