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उत्तराखंड हाईकोर्ट से कर्मचारियों को बड़ा झटका, 2013 की नियमितीकरण नियमावली पर लगाई रोक

locationनई दिल्लीPublished: Dec 04, 2018 10:00:31 pm

Submitted by:

Anil Kumar

हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की 2013 की नियमितीकरण नियमावली पर रोक लगा दी है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट से कर्मचारियों को बड़ा झटका, 2013 की नियमितीकरण नियमावली पर लगाई रोक

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को दिया बड़ा झटका, 2013 की नियमितीकरण नियमावली पर लगाई रोक

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को कर्मचारियों को एक बड़ा झटका दिया है। दरअसल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की 2013 की नियमितीकरण नियमावली पर रोक लगा दी है। इस नियमावली के अंतर्गत विभागों, निगमों, पार्षदों और अन्य सरकारी उपक्रमों में कर्मचारियों को कोर्ट के अग्रिम आदेश तक नियमित न करने का निर्देश दिया है। बता दें कि अगली सुनवाई 10 दिन बाद होगी।

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2013 के नियमितीकरण को दी गई है चुनौती

आपको बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने सरकार की 2013 की नियमितीकरण नियमावली को चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि नियमितीकरण नियमावली सुप्रीम कोर्ट के उमादेवी और एमएल केशरी मामले में दिए गए फैसले के विपरीत है। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार निगमों, विभागों, परिषदों और अन्य सरकारी उपक्रमों में बिना किसी चयन प्रक्रिया के कर्मचारियों का नियमितीकरण कर रही है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकार ने इससे पहले 2016 में इस नियमावली में संशोधन किया था। बता दें कि इस संशोधित नियमावली को हिमांशु जोशी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जबकि इस संशोधित नियमावली पहले ही कोर्ट निरस्त कर चुकी है। आपको बता दें कि मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे ने इस मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने नैनीताल के सौड़बगड़ के रहने वाले नरेंद्र सिंह बिष्ट और अन्य की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि वे इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होल्डर है और सरकार के अधीन कनिष्ठ अभियंता पद हेतु नियुक्ति पाने की पूर्ण योग्यता रखते हैं। लेकिन सरकार के फैसले से उनकी नियुक्ति नहीं हो पा रही है।

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