आईबी ने पहला इनपुट 23 अगस्त को सुरक्षाबलों के साथ शेयर किया था। इसमें दावा किया गया कि 16-17 अगस्त की रात जैश-ए-मुहम्मद के आत्मघाती आतंकी दो समूहों में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) को पार कर जम्मू-कश्मीर के पूंछ में घुस चुके हैं। एक ग्रुप में चार और दूसरे ग्रुप में तीन आंतकवादी हैं। इनपुट में कहा गया था कि एक ग्रुप जम्मू और दूसरा श्रीनगर जा रहा है।
आईबी ने दूसरा इनपुट पुलवामा अटैक से तीन दिन पहले बीते 24 अगस्त को सुरक्षाबलों को भेजा था। इसमें कहा गया था कि खतरनाक हथियारों से लैस जैश-ए-मुहम्मद के चार आतंकी 16-17 अगस्त की रात पाकिस्तानी पंजाब के रास्ते भारत के गुरदासपुर (पंजाब) में घुस चुके हैं। सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उनके पास भी आतंकियों की घुसपैठ की पुख्ता सूचना है। ऐसे में सभी पुलिस लाइन और आर्मी कैंप को अलर्ट कर दिया गया है। सबसे चिंता की बात यह है कि 16-17 अगस्त की रात भारत में घुसपैठ करने वाले 11 आतंकवादियों में से आठ आतंकी जम्मू-कश्मीर या पंजाब में छिपे हुए हैं।
सरकार के बड़े अधिकारयों को भी शक है कि ये आतंकी किसी खतरनाक साजिश को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। इन आतंकियों को हमले की खास ट्रेनिंग दी गई है। उन्हें सुरक्षा बलों के कैंप और लोकेशन की पुख्ता जानकारी है। गौरतलब है कि एलओसी पर पूंछ सेक्टर की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय फौज के जिम्मे है। वहीं गुरदासपुर में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (बीएसएफ) करती है। ऐसे में फौज और बीएसएफ को भी अलर्ट कर दिया गया है।