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सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने तीन जुलाई 2018 के अपने आदेश में बदलाव करने से इंकार करते हुए छह राज्यों के आवेदनों को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि उसका आदेश हितकारी और जनहित में है। राज्यों ने अदालत के उस आदेश में बदलाव की मांग की थी, जिसमें कहा गया था कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए समिति बनाने हेतु राज्य यूपीएससी से संपर्क करें।
वहीं, इस मामले में राज्यों ने तर्क दिया कि पुलिस विभाग राज्य सरकार के अधीन है, इसलिए पुलिस विभाग का प्रमुख नियुक्त करने का अधिकार उनके पास होना चाहिए। कोर्ट का आदेश यूपीएससी के सचिव द्वारा यह बताने के बाद आया है कि 2006 के निर्णय के बाद आयोग ने राज्यों में डीजीपी नियुक्त करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। आपको बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को राज्य सरकारों को शीर्ष पुलिस अधिकारी की सेवानिवृत्ति पर कार्यकारी पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
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उस समय कोर्ट ने निर्देश दिया था कि राज्य अनुमानित रिक्तियों को भरने के लिए यूपीएससी को अपने प्रस्ताव भेजेंगे। तीन जुलाई के आदेश के अनुसार, यूपीएससी तीन ऐसे सबसे वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल बनाएगा, जिनका कार्यकाल दो साल या इससे कम रह गया हो, और उनमें से डीजीपी चुनने के लिए उन्हें राज्य सरकार के पास भेजेंगे। आदेश के अनुसार,’राज्य पैनल में से एक व्यक्ति चुनेंगे, इसमें मेरिट और वरिष्ठता को वरीयता दी जाएगी।’