बढ़ते प्रदूषण के बाद इस जिले में भी प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई, 3 फैक्ट्रियां सील
शुक्रवार को फिर से करेगी सुनवाई
आपको बता दें कि गुरुवार को अदालत ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में अवैध निर्माण पर सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर कड़ी फटकार लगाई। दरअसल सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार की ओर से पेश हुए वकील से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में अवैध निर्माण पर सर्वे रिपोर्ट तलब की। इस बाबत 20 मिनट तक अदालत रिपोर्ट आने का इंतजार करता रहा और इस बीच सुनवाई रुकी रही। काफी देर होने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई तो अदालत ने नाराज होकर कहा कि यदि किसी को भी इस बात की चिंता नहीं है तो फिर अदालत ही इसकी फिक्र क्यों करे। बता दें कि अदालत अब इस मामले को लेकर शुक्रवार को संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगेगी और इस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में पूछेगा।
अबतक 18 शिकायत हो चुके हैं दर्ज
आपको बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियामक बोर्ड (सीपीसीबी) ने कोर्ट को बताया कि प्रदूषण के बारे में आम नागरिक सोशल मीडिया फेसबुक और ट्वीटर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं इसके लिए प्रबंध किया गया है। अबतक 18 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसपर कोर्ट ने कहा कि सीपीसीबी सोशल मीडिया साइट पर इसे आम नागरिकों के बीच रखें। दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 10 वर्ष पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल गाड़ियों के पंजीकरण को रद्द कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट सख्त: केंद्र से कहा 10 दिन में बताएं रफाल की कीमत, सीलबंद लिफाफे में दें पूरी जानकारी
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने बुलाई थी बैठक
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के बढते स्तर को लेकर चिंतित केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एक अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के पर्यावरण मंत्रियों को भी शामिल होना था, लेकिन इस बैठक में हरियाणा और पंजाब के मंत्री नहीं पहुंचे, जबकि केवल दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ही पहुंचे। इस बात को लेकर डॉ. हर्षवर्धन काफी नाराज हो गए।