सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
भाजपा के नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय के द्वारा दाखिल की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आपको बता दें कि याचिका में मांग की गई थी कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों और अपराधियों के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के टिकट पर चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए, जिससे कि राजनीति के अपराधिकरण को रोका जा सके। इसके अलावा उन राजनीतिक दलों की मान्यता को खत्म कर दिया जाए, जो दागी नेताओं को टिकट देते हैं। ऐसा पार्टियों के चुनाव चिन्ह को भी छिन लिया जाए।
बेंच ने चुनाव आयोग जाने की दी सलाह
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को चुनाव आयोग जाने की सलाह दी है। याचिकाकर्ता ने याचिका में राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण का हवाला देते हुए लोकसभा और विधानसभाओं में अपराधियों के आंकड़े दिए थे।
क्या कहना था याचिकाकर्ता का
याचिकाकर्ता का कहना था कि चुनाव आयोग के पास संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत इस बारे में निर्देश जारी करने का अधिकार है। इस तरह का आदेश देने से किसी संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं होगा और न ही चुनाव आयोग को इसके लिए अलग से किसी तरह की जांच पड़ताल की जरूरत है। इसकी वजह उम्मीदवार द्वारा नामांकन के समय अपने लंबित मुकदमों का ब्योरा देना और उनकी स्थिति के बारे में बताना है।