बता दें कि मामला काशी के भेलूपुर थानाक्षेत्र का है। मृतक महिला के पिता मुहम्मद गुलजार ने बताया कि उनकी बेटी शबीना की शादी तीन साल पहले मुर्गिया टोला के सेराजुद्दीन से हुई थी। लेकिन पांच महीने पहले उसकी मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि ससुरालवालों ने उनकी बेटी के शव को कब्रिस्तान ले जाने के बाद ही उन्हें जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्हें यह तक नहीं बताया गया कि उनकी बेटी के साथ क्या हुआ है। इसलिए उन्होंने डीएम से लाश निकलवाकर पोस्टमार्टम कराए जाने की अपील की थी।
मृतक महिला के पिता मुहम्मद गुलजार की गुजारिश के बाद पुलिस 13 नवंबर को कब्रिस्तान से लाश निकालने पहुंची। लेकिन वहां सेराजुद्दीन ने धोखा देकर दूसरी लाश निकलवा दी। मुहम्मद गुलजार ने फिर से मांग की है उन्हें इंसाफ दे और लाश को फिर से निकाला जाए। मुहम्मद गुलजार ने बताया कि बेटी का पति अक्सर पैसों की मांग करते हुए उससे मारपीट करता था। वहीं सेराजुद्दीन के वकील स्वतंत्र जायसवाल का कहना है कि लड़की की मां ने दहेज का केस दर्ज कराया था। सेराज और पिता असगर की गिरफ्तारी हो चुकी है। पोस्टमार्टम के लिए लाश निकाली गई थी, लेकिन किसी और की निकल गई।
डीएम योगेश्वर राम मिश्रा ने बताया कि उनके ही आदेश पर ही यह कार्रवाई हुई थी। लेकिन कब्र से कोई और ही डेड बॉडी निकल गई। भेलूपुर इंस्पेक्टर अशेषनाथ सिंह ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के बताने के अनुसार ही कब्र खोदी गई थी। कब्र में जगह काम होने पर अक्सर कुछ महीनो बाद दूसरी बॉडी भी दफना दी जाती है।