लिंगायत समुदाय के गुरु थे शिवकुमार स्वामी
अनुयायियों के बीच वॉकिंग गॉड (जीवित भगवान) कहे जाने वाले शिवकुमार स्वामी का जन्म 1 अप्रैल, 1907 को कर्नाटक के रामनगर जिले वीरपुरा गांव में हुआ था। शिवकुमार स्वामी कर्नाटक के तुमकुर में स्थित सिद्धगंगा मठ के प्रमुख संत थे। लिंगायत समुदाय का ये मठ करीब 300 साल पुराना है।
पीएम और राष्ट्रपति ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी जी के निधन पर शोक जताया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वो समाज के लिए जीये खासकर गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बहुत काम किए। बता दें कि पीएम मोदी समेत कई नेता उन्हें अपना गुरु मानते हैं। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आध्यात्मिक गुरु शिवकुमार स्वामीजी के निधन पर शोक जताया। रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि स्वामी जी के निधन से बेहद दुखी हूं। उनका योगदान समाज के लिए उल्लेखनीय रहेगा। विशेष रूप से स्वास्थ्य और शिक्षा की दिशा में समाज के लिए उन्होंने बहुत योगदान दिया।
काफी समय से थे बीमार
साल 2007 में उनके 100वें जन्मदिन पर तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने शिवकुमार स्वामी जी को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कर्नाटक रत्न’ से पुरस्कृत किया था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने की मांग कर चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले महीने चेन्नई के एक निजी अस्पताल में स्वामी जी की बाईपास सर्जरी हुई थी। तबसे वह अस्पताल में रह रहे थे। चेन्नई के बाद उनको बेंगलुरु लाया गया था। वहां से उन्हें तुमकुरु के सिद्धगंगा मठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी तबीयत बिगड़ने की वजह से उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था।