हालांकि यह फैसला अभी नहीं लिया गया है कि क्या सीआईएसएफ इन हवाईअड्डों को आंतरिक और बाहरी सुरक्षा प्रदान करेगा। इन हवाईअड्डों पर कितने सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी, इस पर भी फैसला अभी नहीं लिया गया है। बीसीएएस के सूत्रों ने बताया कि आंतरिक सुरक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को दी जाएगी, जबकि 1990 से पूरी सुरक्षा प्रदान कर रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को बाहरी सर्कल की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘बीसीएएस द्वारा ऑडिट रिपोर्ट की जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही इस पर सिफारिश गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंत्रालय अंतिम फैसला लेगा कि क्या सीआईएसएफ जम्मू, श्रीनगर और लेह हवाईअड्डों की आंतरिक और बाहरी दोनों सुरक्षा प्रदान करेगा या सीआरपीएफ के पास आउटर सर्कल की सुरक्षा की जिम्मेदारी रहने दी जाएगी।’उन्होंने बताया, ‘प्रत्येक हवाईअड्डे पर सीआईएसएफ के कितने कर्मियों की तैनाती की जाएगी, इस पर भी गृह मंत्रालय की मंजूरी के आधार पर फैसला लिया जाएगा।’
गृह मंत्रालय ने पिछले साल नवंबर में उन्हीं शर्तो पर इन हवाईअड्डों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ से लेकर सीआईएसएफ को सौंपने का निर्णय लिया, जिन शर्तो पर अन्य हवाईअड्डों पर सीआईएसएफ की तैनाती की जाती है।
बता दें कि इस प्रस्ताव का मकसद भारतीय उड्डयन क्षेत्र में समरूपता लाना था।
आपको बता दें कि देश में परिचालित 101 हवाईअड्डों में से 61 पर सीआईएसएफ की तैनाती की गई है। इन तीन हवाईअड्डों को मिलाने पर सीआईएसएफ की सुरक्षा के अधीन कुल 64 हवाईअड्डे होंगे। ऑडिट रिपोर्ट सीआईएसएफ, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) और बीसीएएस की संयुक्त टीम द्वारा तैयार की गई है। वहीं, रिपोर्ट दिसंबर के आखिर में बीसीएस को सौंपी गई, जिसमें खामियों के साथ-साथ उपकरण और सुरक्षाकर्मी समेत विभिन्न जरूरतों का जिक्र किया गया है।