1984 सिख विरोधी दंगा: पटियाला हाउस कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ जारी किया
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि किसी भी समीक्षा याचिकाओं को जनवरी में नहीं सुना जाएगा, क्योंकि न्यायाधीशों में से एक, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा अवकाश पर हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने वाले फैसले की समीक्षा की सुनवाई के लिए याचिका डाली गई थी। याचिकाकर्ता ने समीक्षा की तत्काल सुनवाई की मांग की गई थी।
क्या है सबरीमला मामला…
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल की सबरीमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमती दे दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी 10 से 50 साल से कम उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं के प्रवेश को कई राजनीतिक पार्टियों और हिन्दूवादी संगठनों ने गलत ठहराते हुए धरना प्रदर्शन किया। वहीं, केरल सरकार पर भक्तों की भावना को आहत करने का आरोप लगाया गया। प्रदर्शन की वजह से सबरीमला मंदिर पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया। कई महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की कोशीश भी की लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। लेकिन अभी हाल ही में 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने आधी रात में मंदिर में प्रवेश किया, जिसके बाद से यह विवाद और गहरा गया है। महिलओं के प्रवेश के बाद मंदिर के शुद्धिकरण की भी बात सामने आई थी, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी।