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मीड-डे मील योजना को गंभीरता से नहीं लेने पर SC ने पांच राज्यों पर लगाया जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने मीड-डे मील योजना को गंभीरता से नहीं लेने के कारण पांच राज्यों पर जुर्माना लगाया है।

Dec 07, 2018 / 03:23 pm

Anil Kumar

मीड-डे मील योजना को गंभीरता से नहीं लेने पर SC ने पांच राज्यों पर लगाया जुर्माना

मीड-डे मील योजना को गंभीरता से नहीं लेने पर SC ने पांच राज्यों पर लगाया जुर्माना

नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या को बढ़ाने (ड्रॉप आउट रेट कम करने) के लिए केंद्र सरकार ने मीड-डे मील योजना शुरु की थी। लेकिन इस योजना को देश कई राज्यों में ठीक ढंग से लागू नहीं किए जाने के कारण देश की सर्वोच्च अदालत ने कड़ी फटकार लगाई। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए पांच राज्यों पर जुर्माना लगाया। जिसमें आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली शामिल है। बता दें कि कोर्ट ने आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और जम्मू-कश्मीर पर एक-एक लाख रुपए जबकि दिल्ली पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

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क्यों लगाया गया जुर्माना

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन पांचों राज्यों में मीड-डे मील योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया है। इइ राज्यों ने मीड-डे मील के बारे में एक ऑनलाइन लिंक स्थापित करने और मीड-डे मील योजना में स्वच्छता की निगरानी के लिए चार्ट बनाने के कार्यक्रम को अब तक लागू ही नहीं किया है। बता दें कि ‘अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार निगरानी परिषद’ नामक एक एनजीओ ने कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसकी सुनवाई न्यायमूर्ति एमबी लोकुर,न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने करते हुए पांचों राज्यों पर जुर्माना लगाया है।

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2013 में दायर की गई थी याचिकाकर्ता

आपको बता दें कि यह याचिका 2013 में दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि देशभर में 12 लाख सरकारी स्कूलों में बच्चों को हर दिन भोजन दिया जाता है। इस दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखने के कारण हमेशा ही विषाक्त भोजन दिए जाने और अन्य स्वास्थ्य गड़बड़ियों के होने की आशंका रहती है। स्कूलों में भोजन दिए जाने के बारे में कोई बुनियादी सुविधा और निगरानी तंत्र नहीं है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए वर्ष 2017 मार्च 23 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया था कि तीन महीने के अंदर वेबसाइट पर उन बच्चों की कुल संख्या को अपलोड करें जिन्हें मीड-डे मील दिया जा रहा है। कोर्ट ने इसी संबंध में मंगलवार को टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ राज्य ऐसे हैं जो कि इस योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कोर्ट को यह आशंका हो रही थी कि कुछ राज्यों में बच्चों को मीड-डे मील का लाभ नहीं दिया जा रहा है और उनके लिए स्कूलों में आने वाले अनाज गायब हो रहे हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से जुर्माना लगाते हुए यह आदेश जारी किया है।

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दंड लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं: कोर्ट

बता दें कि कोर्ट ने कहा है कि उनके पास दंड लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। क्योंकि राज्य इस मामले में सहयोग नहीं कर रहे थे। कोर्ट ने कहा कि हम कोशिश करते रहे हैं कि मीड-डे मील योजना से संबंधित आंकड़ों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाए जिससे आगे ऐसे ओर भी कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि इसमें हो रही गड़बड़ियों का पता लगाया जा सके और ठीक किया जा सके। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी राज्यों ने अमल नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि इसी वर्ष 26 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और उड़ीसा ने उसे आश्वासन दिया था कि वे इस योजना से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करेंगे और इसके बारे में ऐसे वेबसाइट में काम करनेवाला लिंक उपलब्ध कराएंगे। लेकिन वे भी ऐसा करने में विफल रहे। इसलिए इन राज्यों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जबकि पिछली सुनवाई में दिल्ली का कोई प्रतिनिधि अदालत में मौजूद नहीं था। यहां तक मंगलवार को भी दिल्ली ने कोई सूचना मुहैया नहीं कराई। इसलिए दिल्ली पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। तो वहीं जम्मू-कश्मीर के बारे में कोर्ट ने कहा कि एक लिंक उपलब्ध कराया गया है पर वह काम नहीं कर रहा है। इसलिए जम्मू-कश्मीर राज्य पर एक लाख-रुपए का दंड लगाया गया है। बता दें कि कोर्ट ने कहा एक महीने से ज्यादा वक्त बीत गया पर इन राज्यों ने कुछ भी नहीं किया। लिहाजा कोर्ट के पास एक ही विकल्प बचा था। ये सभी राज्य बच्चों को इस योजना का लाभ देने से वंचित रख रहे हैं इसलिए इनपर जुर्माना लगाया गया है।

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