उधर, शुक्रवार से शुरू हो रहे पर्व से पहले प्रशासन की तरफ से मंदिर को पूरी तरह किले में तब्दील करने की तैयारी है। सूबे की आधी पुलिस (करीब 21 हजार पुलिसकर्मी) सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेंगे। दो महीने के बीच चार चरणों में इनकी तैनाती होगी।
इस बीच भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने कहा है कि अब तक इस मामले पर केरल सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अगर कोई हादसा होता है कि इसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री और डीजीपी खुद होंगे। तृप्ति ने अपनी सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि 17 नवंबर को जब वो मंदिर में प्रवेश के लिए जाएंगी तो उनकी सुरक्षा का इंतजाम किया जाए।
ये रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
इलाके में किसी भी स्तर पर कानून-व्यवस्था से निपटने के लिए 2 महीने के अंदर चार चरणों में 21 हजार पुलिसकर्मी मुस्तैद होंगे। 16 नवम्बर को पहले चरण के तहत करीब 5200 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। नवम्बर 30 को दूसरे चरण की शुरुआत होगी। पुलिस के मुताबिक 16 जनवरी (पर्व समाप्ति की तारीख) तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे।