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सबरीमला विवाद: बीजेपी नेता की गिरफ्तारी के विरोध में कार्यकर्ताओं ने सड़क पर लगाया जाम

locationनई दिल्लीPublished: Nov 18, 2018 04:11:53 pm

Submitted by:

Shivani Singh

सबरीमाला मंदिर जाने की कोशिश के दौरान शनिवार की रात सुरेंद्रन की पुलिस संग झड़प हो गई जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

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सबरीमला विवाद: बीजेपी नेता की गिरफ्तारी के विरोध में कार्यकर्ताओं ने सड़क पर लगाया जाम

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई ने पार्टी के वरिष्ठ नेता के. सुरेंद्रन की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत में भेजे जाने कके खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सड़क पर जाम लगा दिया। बता दें कि सबरीमाला मंदिर जाने की कोशिश के दौरान शनिवार की रात सुरेंद्रन की पुलिस संग झड़प हो गई जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

चित्तर पुलिस थाने में रात गुजारने के बाद सुरेंद्रन को रविवार सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया। भाजपा नेता फिलहाल कोट्टारक्कारा की जेल में बंद हैं। वहीं, न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा, ‘पुलिस ने मुझे गैर-जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया है। मैं कोई अपराधी नहीं हूं और न ही मेरे खिलाफ कोई मामला है। उन्होंने मुझे सोने नहीं दिया और न ही मुझे पानी पीने और दवाई खाने की अनुमति दी।’

उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरी इरुमुदी केट्टू का भी अपमान किया (एक पवित्र पोटली होती है जिसे सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ अनिवार्य रूप से ले जाना होता है)।’ सुरेंद्रन ने इस बर्ताव को जंगल राज बताते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की भी आलोचना की। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुबह 10 बजे से राज्य भर के यातायात को बाधित कर दिया है।

बता दें कि शुक्रवार से प्रभावी हुए पुलिस के नए नियमों के अनुसार, शाम सात बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर को शुक्रवार को शाम पांच बजे दो महीनों के लिए खोला गया था।

गौरतलब है कि 28 सितंबर को सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद से यह इलाका हिंदूवादी संगठनों के विरोध का सामना कर रहा है। अदालत ने अपने फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी जबकि पहले 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह अपने पूर्व आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

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