चित्तर पुलिस थाने में रात गुजारने के बाद सुरेंद्रन को रविवार सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया। भाजपा नेता फिलहाल कोट्टारक्कारा की जेल में बंद हैं। वहीं, न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा, ‘पुलिस ने मुझे गैर-जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया है। मैं कोई अपराधी नहीं हूं और न ही मेरे खिलाफ कोई मामला है। उन्होंने मुझे सोने नहीं दिया और न ही मुझे पानी पीने और दवाई खाने की अनुमति दी।’
उन्होंने कहा कि पुलिस ने मेरी इरुमुदी केट्टू का भी अपमान किया (एक पवित्र पोटली होती है जिसे सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ अनिवार्य रूप से ले जाना होता है)।’ सुरेंद्रन ने इस बर्ताव को जंगल राज बताते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की भी आलोचना की। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुबह 10 बजे से राज्य भर के यातायात को बाधित कर दिया है।
बता दें कि शुक्रवार से प्रभावी हुए पुलिस के नए नियमों के अनुसार, शाम सात बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर को शुक्रवार को शाम पांच बजे दो महीनों के लिए खोला गया था।
गौरतलब है कि 28 सितंबर को सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद से यह इलाका हिंदूवादी संगठनों के विरोध का सामना कर रहा है। अदालत ने अपने फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी जबकि पहले 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह अपने पूर्व आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।