जब यह मामला चार जनवरी को सुनवाई के लिए आया था तो इस बात का कोई संकेत नहीं था कि भूमि विवाद मामले को संविधान पीठ के पास भेजा जाएगा। शीर्ष अदालत ने बस इतना कहा था कि इस मामले में गठित होने वाली उचित बेंच आज से इस मामले में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट की नवगठित पांच सदस्यीय बेंच में प्रधान न्यायाधीश सहित चार उन जजों को शामिल किया गया है जो भविष्य में प्रधान न्यायाधीश बन सकते हैं। जस्टिस गोगोई के उत्तराधिकारी जस्टिस बोबडे होंगे। उनके बाद जस्टिस रमण, जस्टिस ललित और जस्टिस चंद्रचूड़ की बारी आएगी। आपको बता दें कि अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दायर की गई हैं। हाई कोर्ट ने इस फैसले में विवादित भूमि सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर- बराबर बांटने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ अपील दायर होने पर शीर्ष अदालत ने मई 2011 में हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने के साथ ही विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। आज से इन्हीं मामले पर सुनवाई होगी। इस पीठ ने पहले ही साफ कर दिया है कि पांच जजों की पीठ केवल टाइटल सूट (जमीन विवाद) के मुद्दे पर सुनवाई करेगी।