रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि IFC-IOR का उद्देश्य ग्लोबल कॉमन्स को सुरक्षित रखने की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल कॉमन्स से प्राप्त सूचनाओं को लोकतांत्रिक रूप से हम सभी को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि वैश्विक कारोबार और कई देशों की आर्थिक समृद्धि के लिए हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) महत्वपूर्ण है। विश्व नौवहन कारोबार का कुल 75 फीसदी से ज्यादा और वैश्विक तेल का 50 फीसद अधिक इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है। अब इस केंद्र के जरिए भारत समुद्री परिवहन नौकाओं के संचालन और अन्य गतिविधियों पर नजर रख पाएगा। उन्होंने कहा कि यह तकनीक समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नोडल केंद्र साबित होगी। इसकी मदद से हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत आईएफसी-आईओआर मिली जानकारियों को मित्र राष्ट्रों से साक्ष करेगा।
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि IFC-IOR प्रक्षेपण समुद्री सुरक्षा से संबंधित सूचना संलयन और आदान-प्रदान के एक महत्वपूर्ण हब साबित होगा। समुद्री सुरक्षा के मामले में यह आने वाले दिनों अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस केंद्र की स्थापना को एक बेहतर पहल बताया।