म्यूजियम की खास बातें
– 141 करोड़ की लागत से हुआ तैयार
– सिनेमा की एक सदी पुराने इतिहास की मिलेगी जानकारी
– 100 वर्ष से ज्यादा की यात्रा का वर्णन
– 19वीं सदी के ऐतिहासिक गुलशन महल में हुआ तैयार
– बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला के बारे में जानकारी दी जाएगी
– हॉल में कैमरा, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां भी होंगी
– 141 करोड़ की लागत से हुआ तैयार
– सिनेमा की एक सदी पुराने इतिहास की मिलेगी जानकारी
– 100 वर्ष से ज्यादा की यात्रा का वर्णन
– 19वीं सदी के ऐतिहासिक गुलशन महल में हुआ तैयार
– बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला के बारे में जानकारी दी जाएगी
– हॉल में कैमरा, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां भी होंगी
यह संग्रहालय करीब 141 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसमें भारतीय सिनेमा के एक सदी पुराने इतिहास की जानकारी मिल सकेगी। बीते तीन महीने में प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा मुंबई दौरा है। भारतीय सिनेमा के इतिहास से जुड़ी जानकारियां देने वाले इस संग्रहालय में दृश्य (विजुअल), शिल्प, ग्राफिक्स और मल्टीमीडिया की सहायता से भारतीय सिनेमा के किस्से-कहानियों का प्रस्तुतीकरण होगा।
श्याम बेनेगल और प्रसून जोशी के मार्गदर्शन में हुआ तैयार यह संग्रहालय 19वीं सदी के ऐतिहासिक गुलशन महल और नए संग्रहालय भवन में बनाया गया है। नामचीन फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के मार्गदर्शन में संग्रहालय का निर्माण हुआ है। यहां भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष से अधिक की यात्रा का वर्णन है।
वहीं, भारतीय सिनेमा को नौ वर्गों में विभाजित कर भारतीय इतिहास की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरुआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव और क्षेत्रीय सिनेमा को दिखाया गया है। पांच मंजिला नए संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल हैं। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्में और सिनेमा के उनके जीवन पर गहरे प्रभाव को दर्शाया गया है।
वहीं, भारतीय सिनेमा को नौ वर्गों में विभाजित कर भारतीय इतिहास की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरुआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव और क्षेत्रीय सिनेमा को दिखाया गया है। पांच मंजिला नए संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल हैं। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्में और सिनेमा के उनके जीवन पर गहरे प्रभाव को दर्शाया गया है।
यहां बाल फिल्म स्टूडियो भी है जिसमें आगंतुकों खासकर बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला के बारे में जानकारी दी जाएगी। हॉल में कैमरा, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां भी होंगी। यहां आने वालों को भारतीय सिनेमा में फिल्मकारों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी। भारतीय सिनेमा में यहां देशभर की सिनेमा संस्कृति को दर्शाया गया है।