सरायकेला की सहिया मनीता देवी ने बताया कि गांव में एक महिला के प्रसव की सूचना मिलने पर वह रात में दो बजे उसके घर पहुंची। वहां प्रसव करने वाली महिला व उनके परिजनों ने बताया कि प्रसव के दौरान मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ है। उन्होंने काफी आग्रह किया, कि वे बच्चे को देखने दें, लेकिन परिजन मृत बच्चे को देखने नहीं दे रहे थे।
हाई अलर्ट पर दिल्लीः लुटियंस जोन पर मंडरा रहा हवाई हमले का खतरा! काफी जिद करने के बाद जब परिजन बच्चे को सहिया मनीता देवी को दिखाने को तैयार हुए, तो उन्होंने देखा कि बच्चे की धड़कन चल रही थीं। तत्काल उन्होंने बच्चे के मुंह और नाक से गंदे पानी को साफ किया। इसके बाद बच्चा रोने लगा, बच्चे के रोने की आवाज सुनकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरायकेला की सहिया मनीता के कार्यां की सराहना करते हुए कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र और जंगलों के बीच गांव में रहने वाली मनीता देवी ने अपनी सामान्य बुद्धि से जो काम किया और विश्वास नहीं खोया, यह
हिम्मत एक डॉक्टर ही कर सकता है।
उन्होंने कहा कि मनीता ने एक बहुत बड़ा काम किया, जो पूरे देशवासियों के लिए एक संदेश है। प्रधानमंत्री से सीधी बात को लेकर सरायकेला के समाहरणालय कक्षा में वीडियो-कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर जिले की विभिन्न पंचायतों से आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद थीं।
तेलंगाना सरकार ने नहीं निभाया अपना वादा, मायूस युवक ने किया आत्मदाह का प्रयास इधर, राजधानी रांची स्थित समाहरणालय सभाकक्ष में भी वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था की गई थी। हालांकि प्रधानमंत्री ने रांची की आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं से बात नहीं की, लेकिन प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दूरदराज के क्षेत्रों से रांची पहुंची थीं।