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तीन तलाक और हलाला निकाह के बाद मुस्लिमों की एक और प्रथा पर रोक की मांग, SC पहुंचा मामला

locationनई दिल्लीPublished: Apr 15, 2019 04:47:41 pm

Submitted by:

Shweta Singh

मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश वर्जित के खिलाफ याचिका
SC से इसे गैरकानूनी करार देने की मांग
‘महिलाओं के मौलिक अधिकार का होता है हनन’

womens in Mosque

तीन तलाक और हलाल निकाह के बाद मुस्लिमों की एक और प्रथा पर रोक की मांग, SC पहुंचा मामला

नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश की मनाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। सोमवार को दाखिल किए इस याचिका में मांग की गई है कि इस प्रथा को गैर-कानूनी और असंवैधानिक घोषित कर दिया जाए।
महिलाओं के मौलिक अधिकार का हनन

याचिका में महिलाओं के मौलिक अधिकारों के हनन का हवाला देते हुए ‘मस्जिद में महिलाओं का प्रवेश वर्जित’ को गैरकानूनी करार देने की मांग की गई है। आपको बता दें कि इससे पहले भी सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को अनुमति मिलने के बाद भी इस संबंध में मांग उठी थी। उस वक्त केरल की एक मुस्लिम महिला अधिकार संगठन ने देशभर की मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश के अधिकार की बात कही थी।
https://twitter.com/ANI/status/1117733066204532737?ref_src=twsrc%5Etfw

‘इमाम’ के रूप में भी हो नियुक्त

प्रगतिशील महिला मंच ने जल्द ही सुप्रीम कोर्ट रुख करने का दावा किया था। इस संगठन का दावा था कि वे न सिर्फ महिलाओं के मस्जिद में नमाज पढ़ने की मांग करेंगे बल्कि वे उन्हें ‘इमाम’ के रूप में भी नियुक्त किए जाने के लिए संघर्ष करेगा। आपको बता दें कि इसके अलावा तीन तलाक के खिलाफ बिल और हलाला निकाह पर भी प्रतिबंध की बातचीत पहले से चल रही है। भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में भी इन मुद्दों पर जोर दिया है।

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