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अनिल विज का विवादित बयान, RSS के कार्यक्रम में शामिल न होने वाले विपक्षी नेता हैं भूत-पिशाच

locationनई दिल्लीPublished: Sep 17, 2018 07:21:26 pm

Submitted by:

Anil Kumar

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए अनिल विज ने कहा कि आरएसएस देशभक्ति का मंदिर है और मंदिर में भूत-पिशाच कभी नहीं जाते हैं। क्योंकि उनको डर लगता है, इसलिए मंथन शिविर में भी जाने का विरोध कर रहे हैं।

अनिल विज का विवादित बयान, RSS के कार्यक्रम में शामिल न होने पर विपक्षी नेताओं को बताया भूत-पिशाच

अनिल विज का विवादित बयान, RSS के कार्यक्रम में शामिल न होने पर विपक्षी नेताओं को बताया भूत-पिशाच

नई दिल्ली। अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता अनिल विज ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। दरअसल सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में विपक्षी दलों के शामिल न होने पर उन्हें भूत-पिशाच की संज्ञा दे दी। बता दें कि सोमवार को मीडिया से बात करते हुए अनिल विज ने कहा कि आरएसएस देशभक्ति का मंदिर है और मंदिर में भूत-पिशाच कभी नहीं जाते हैं। क्योंकि उनको डर लगता है, इसलिए मंथन शिविर में भी जाने का विरोध कर रहे हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1041612423533195264?ref_src=twsrc%5Etfw

विपक्षी दलों ने कार्यक्रम में जाने से किया किनारा

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सोमवार से तीन दिनों तक चलने वाले एक सम्मेलन दिल्ली के विज्ञान भवन में कर रही है। इस सम्मेलन की थीम है ‘भविष्य का भारत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’। इस कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत संघ पर लगने वाले आरोपों और भ्रांतियों का जवाब देंगे। कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम में दो हजार से अधिक बुद्धिजीवी लोग शामिल होंगे, जिसमें सेना, खेल, फिल्म, उद्योग जगत, राजनीति और अन्य क्षेत्रों के लोग शामिल हैं। संघ की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि इस सम्मेलन में 40से अधिक राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। साथ ही 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। हालांकि विपक्षी दलों की ओर से कहा जा रहा है कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है। बता दें कि संघ के इस कार्यक्रम में विपक्षी दलों के शामिल नहीं होने पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा ‘दिक्कत क्या है कि कुछ लोग संघ को दुश्मन मानते हैं और हम लोग दुश्मनी की राजनीति नहीं करते। आप हमारे वैचारिक विरोधी होंगे, हमारे दुश्मन नहीं हैं। संघ ने संवाद में आपको बुलाया है, आप जाइए सुनिए। अच्छी लगे तो आपके ऊपर, नहीं लगे तो आपके ऊपर लेकिन आप विचार-विमर्श से क्यों भाग रहे हैं? यह दिखाता है कि इन लोगों की राजनीति दूसरे आधार पर चलती है।’

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किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

आपको बता दें कि सोमवार और मंगलवार को सभी आमंत्रित लोगों का परिचय संघ की कार्यप्रणाली से कराया जाएगा, जबकि तीसरे दिन यानी बुधवार को सवाल-जवाब का कार्यक्रम होगा। इस दिन मोहन भागवत खुद सभी सवालों का जवाब देंगे। बताया जा रहा है कि सवाल-जवाब के कार्यक्रम में किसी तरह का कोई सेंसर नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति भागवत से धर्म परिवर्तन, मॉब लिंचिंग, राम मंदिर, कश्मीर की स्थिति और मोदी सरकार के कार्यों संबंधी सवाल पूछ सकता है। इसके अलावे भी संघ की विचारधारा को लेकर भी सवाल कर सकता है।

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