मृत्युदंड को कैबिनेट की मंजूरी
फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा केंद्रीय कैबिनेट ने आज पोक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड को हरी झंडी दे दी। इस फैसले के तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप और हत्या की गंभीर घटनाओं को अंजाम देने वाले दोषी को मौत की सजा मिलेगी। जिसपर कैबिनेट ने अब अपनी मुहर लगा दी है। इस एक्ट की जरूरत इसलिए थी कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की संख्या में इजाफा हो रहा था। वहीं बच्चे बहुत मासूम होते हैं और आसानी से बहलाए जा सकते हैं।
आइए अब आपको बताते हैं क्या है पोक्सो एक्ट
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो यानी Protection of Children from Sexual Offences Act अधिनियम बनाया गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों को रोकने के लिए, पोक्सो एक्ट-2012 बनाया था। साल 2012 में बनाए गए इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई । पोक्सो की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किए जाते हैं, जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेडछाड़ की जाती है। आरोपियों पर दोष सिद्ध होने की स्थिति में 5 से 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकती थी। ताजा संशोधनों के बाद अब दोषी को मौत की सजा मिल सकेगी।