मेघालय राज्य की सरकार अवैध कोयला खनन की खबरों के खारिज करती रही है। अब सीएम ने अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कॉनराड संगामा ने कहा है कि अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
कर्नाटक: प्रसाद खाने से 11 लोगों की मौत, 60 से ज्यादा अस्पताल में भर्ती, 2 गिरफ्तार बचाव कार्य जारी गुरुवार देर शाम मेघालय के ईस्ट जेंतिया हिल्स में पानी से भरे कोयला खदान में 13 मजदूर फंसे हुए हैं। उनको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। ईस्ट जेंतिया हिल्स के जिला पुलिस प्रमुख सिलवेस्टर नौंगटन्गर ने बताया कि बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। घटनास्थल पर क्रेन, नाव और स्कूब ड्राइवर मौजूद हैं। इस अभियान में राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल ( एनडीआरएफ ) के 70 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के 20 कर्मचारी शामिल हैं। साथ ही जिला प्रशासन और राज्य पुलिस भी बचाव अभियान में लगी हुई है। पुलिस डीआईजी (पूर्वी सीमा) ए आर माउथो ने जानकारी दी है कि हम 370 फीट गहरी खदान से पानी बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। एनडीआरएफ के अनुसार पानी का स्तर 70 फुट है। बता दें कि पुलिस ने अवैध खदान चलाने वाले लुमथारी गांव के जेम्स सुखलेन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वह अभी फरार चल रहा है। फंसे मजदूरों की पहचान हो गई है। तीन लोग मेघालय के हैं बाकी असम के रहने वाले हैं। फंसे मजदूरों की संख्या घट-बढ़ सकती है।
आपको बता दें ऐसा पहली बार नहीं है हुआ है जब प्रदेश में अवैध खनन के दौरान लोग फंसे हैं। इससे पहले 2012 में दक्षिण गारो हिल्स में नांगलबीबबरा में अवैध रूप से खनन में 15 नाबालिग फंस गए थे। जिनका शव कभी वापस नहीं लाया जा सका। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगाया रखा है।