‘आओ, हमें भी मार डालो’ आतंकियों को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘तुम लोगों ने ऐसे शख्स को मार डाला, जो कश्मीर से प्यार करता था और कश्मीरियों को खुशहाल देखना चाहता था। इसके साथ में ही तुमने उसके पिता को, माता को, भाई को, बहन को और उस महिला को क्यों नहीं मार डाला जिसके साथ उसने अपनी बाकी की जिंदगी बिताने का फैसला किया था। हम उसके बिना नहीं जी सकते। कोई उन्हें कैसे सांत्वना दे सकता है? हम सभी उसके हत्यारों से पूछना चाहते हैं कि तुम लोगों ने हम सभी को क्यों नहीं मार डाला? आओ और हमें भी मार डालो।’
‘तुमने बूढ़ी मां के प्यारे बेटे को मार डाला’ ‘उपनिरीक्षक मीर इम्तियाज के हत्यारों को खुला खत’ इस शीर्षक के साथ लिखे गए इस खत में लिखा है, ‘तुमने एक बूढ़ी मां के प्यारे और एक बूढ़े बाप के आज्ञाकारी बेटे की हत्या कर दी। तुमने ऐसे भाई को मार डाला, जो अपने भाई और बहन का एकमात्र सहारा था। तुमने उस लड़की के हर सपने को मार दिया, जो शादी करना चाहती थी। तुम लोगों ने उस शख्स की हत्या की जिसके सूफी विचार थे, ऐसा व्यक्ति जो सूफीवाद को खूब पढ़ता था। जो कार्ल मार्क्स और हर अलग विचारधारा को पढ़ता था।’