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कौन हैं हरीश साल्वे?
बता दें कि हरीश साल्वे देश-विदेश के जाने-माने वकील हैं। वे सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर भी रह चुके हैं। साल्वे का जन्म 22 जून 1955 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उनके दादा पीके साल्वे एक दिग्गज क्रिमिनल लॉयर रह चुके हैं। इसके अलावा उनके पिता एनके साल्वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हरिश साल्वे ने 1976 में दिग्गज वकील सोली सोराबजी की देखरेख में अपनी प्रैक्टिस शुरू की थी। इसके बाद वे दिल्ली पहुंचे और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। इस बीच उन्होंने कई ऐसे केस लड़े जिनमें जीत हासिल की और धीरे-धीरे उनका कद बढ़ता चला गया। 1992 में सुप्रीम कोर्ट से हरीश साल्वे को ‘सीनियर एडवोकेट’ की पदवी मिली। इसके बाद 1999 में वे सॉलिसिटर बने। हालांकि 2002 में फिर से उन्हें सॉलिसिटर बनाने के लिए प्रस्ताव दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। बताया जाता है कि साल्वे पियानो बजाने, बेंटले कार चलाने और किताबें पढ़ने के बहुत शौकिन हैं। वे देश के महंगे वकीलों में से एक हैं। वे किसी एक पेशी के लिए कम से कम 4.5 लाख रुपए लेते हैं। कई जगह तो ऐसा भी होता है कि वे एक दिन के लिए 30 लाख रुपए चार्ज करते हैं।
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इन बड़े मामलों की कर चुके हैं पैरवी
आपको बता दें कि हरीश साल्वे कई ऐसे बड़े और हाईप्रोफाइल केसों की पैरवी कर चुके हैं। वर्ष 2015 में हिट एंड रन मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अभिनेता सलमान खान को पांच वर्ष की सजा सुनाई थी। सलमान को कोर्ट से सीधे ऑर्थर रोड जेल ले जाने की तैयारी हो रही थी। लेकिन फिर इस केस में हरिश साल्वे ने कोर्ट में सलमान का पक्ष रखा। जिसके बाद सलमान खान को बेल मिल गई। इसके अलावा साल्वे ने योग गुरु बाबा रामदेव, रिलायंस गैस विवाद में मुकेश अंबानी का मामला, वोडाफोन के टैक्स मामला और इतालवी सरकार के लिए दो इतालवी मरीनों के हक के मामले में भी पैरवी की थी।