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भारतीय सेना की बढ़ी ताकत, मिलीं दुश्मनों को धूल चटाने वाली K9 वज्र और M777 होवित्जर

locationनई दिल्लीPublished: Nov 09, 2018 03:17:19 pm

भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई है। शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना में K9 वज्र और M777 होवित्जर समेत नए टैंकों और उनके उपकरणों को तोपखाने में शामिल किए जाने की घोषणा की।

see after 30 year India got howitzer M777 from america

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नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत और बढ़ गई है। शुक्रवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना में K9 वज्र और M777 होवित्जर समेत नए टैंकों और उनके उपकरणों को तोपखाने में शामिल किए जाने की घोषणा की। शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक स्थित देवलाली तोपखाने में आयोजित समारोह के दौरान इन्हें प्रदर्शित किया गया।
बीते 31 सालों से भारतीय सेना को इन तोपों का इंतजार था। शुक्रवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी। इसके मुताबिक इन दोनों तोपों ने भारतीय सेना की मारक क्षमता और बढ़ा दी है। इन तोपों का नाम 155mm M-777 A2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप और K9 वज्र, 155mm, 52 कैलिबर ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड गन है।
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M777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर अमरीकी तोप है और वर्ष 2006 से इसको लेकर सौदेबाजी की जा रही थी। लेकिन पिछले तीन वर्षों से इनकी सौदेबाजी में तेजी आई। देश में 25 तोपें लाई जा रही हैं जबकि 120 यहीं पर एसेंबल की जाएंगी। इस तोप को विमान के जरिये ऐसे इलाकों में भी ले जाया जा सकता है जहां पर सड़कें-जाने लायक मार्ग नहीं हैं।
वहीं, K9 वज्र दक्षिण कोरिया से लाई गई है। यह एक सेल्फ प्रोपेल्ड गन है जो टैंक और गन बैरल के बीच का हाइब्रिड वर्जन है। 10 गन भारत में एसेंबल की जाएंगी जबकि 90 को यहीं पर बनाया जाएगा। शुक्रवार को इसके साथ ही एक तीसरा उपकरण भी भारतीय सेना में शामिल किया गया। इसका नाम कॉमन गन टॉवर है, जो 6X6 वाहन है और यह हर तरह के रास्तों पर चलने लायक है। यह मीडियम गन को ले जाने की क्षमता रखता है। इसका निर्माण भारतीय कंपनी अशोक लीलैंड द्वारा किया गया है।
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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बृहस्पतिवार को बताया कि भारतीय सेना के तोपखाने में वर्ष 2020 तक 100 वज्र K9 तोपों को शामिल किया जाएगा। इनकी कीमत 4,366 करोड़ रुपये होगी। यह तोपें तीन चरणों में मिलेंगी। इनमें सबसे पहले नवंबर के अंत तक 10 तोपें, फिर अगले साल नवंबर तक 100 तोपें और नवंबर 2020 तक 50 तोपें शामिल होंगी।
यह K9 वज्र तोपें स्वदेशी हैं। इनकी पहली रेजीमेंट को पहली बार भारतीय निजी क्षेत्र तैयार कर रहा है। इतना ही नहीं यह पहली बार है कि देश में किसी तोप का निर्माण हो रहा है। उम्मीद है कि अगले साल जुलाई तक K9 वज्र की पूरी खेप बनकर तैयार हो जाएगी। यह टैंक 28-38 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है। इसकी खूबी यह है कि केवल 30 सेकेंड के भीतर ही यह लगातार तीन राउंड की गोलाबारी कर सकती है। जबकि तीन मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में बिना रुके 60 राउंड फायरिंग कर सकती है।
हॉवित्जर तोप K9 VAJRA-T
भारतीय सेना की ताकत बढ़ाने के लिए M777 होवित्जर तोपों को भी शामिल किया जा रहा है। सेना कुल 145 तोपों को शामिल करेगी। अगस्त 2019 तक भारतीय सेना में पांच तोपें शामिल हो जाएंगी। सारी तोपें दो साल में भारतीय सेना को मिलेंगी। इनकी पहली रेजीमेंट अगले साल अक्टूबर में पूरी हो जाएगी। M777 होवित्जर तोपों की मारक क्षमता 30 किलोमीटर तक है और इन्हें हेलीकॉप्टरों या विमान के जरिये एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।
शुक्रवार को होने वाले समारोह के दौरान 130MM और 155MM की तोपें ले जाने वाले कॉम्पैक्ट गन ट्रैक्टर को भी पेश किया जाएगा। यह ट्रैक्टर तोप को लेकर 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भाग सकता है।
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