पुस्तक रेहम खान में इस बात का भी जिक्र है कि भारत और पाकिस्तान के लोग जिन्हें वोट देते हैं, उनसे ज्यादा जवाबदेही की मांग नहीं करते। इसके बावजूद लोग सोचते हैं कि इमरान एक क्रिकेटर, राजनेता और ईमानदार आदमी हैं। कुछ समय पहले तक मै भी यही सोचा करती थी। लेकिन राजनीति में उनकी ईमानदारी का कोई रेकॉर्ड नहीं है और वो एक नंबर के फरेबी हैं।
पुस्तक में रेहम खान ने लिखा है इमरान का शादी से पहले मैंने एक इंटरव्यू किया था। 2012 में उनसे दिल्ली में इंटरव्यू के दौरान गैंग रेप की शिकार हुई 23 साल की लड़की के बारे में बात करना चाहती थी। लेकिन उनकी दिलचस्पी मेरा फोन नंबर क्या है और लंदन में मैं कहां रहती हूं, यह जानने में ज्यादा थी। गैंग रेप पर उनकी राय थी कि यह बॉलिवुड फिल्मों में लड़कियों को कम कपड़ों में दिखाने का नतीजा भर है। पुस्तक में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि लोग मुझसे पूछते हैं कि आखिर मैंने इमरान से शादी क्यों की? मुझे यह मानने में कोई हर्ज नहीं कि ऐसा बॉलिवुड फिल्मों के प्रभाव में मैंने किया। जब इमरान कहते थे कि मैं पाकिस्तान बदल दूंगा, मेरा दिल उनसे जुड़ जाता था। बाकी काम बॉलिवुड की फिल्मों ने किया।