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तिहाड़ जेल में बंद हुर्रियत नेता की बेटियों ने पीएम मोदी को लिखा भावुक खत, पिता के रिहाई की मांग की

locationनई दिल्लीPublished: Jul 05, 2018 07:31:18 pm

Submitted by:

Anil Kumar

सुजेन और सुंदास शाह नाम की दो लड़कियों ने प्रधानमंत्री को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे की याद दिलाते हुए एक भावुक पत्र लिखा जिसमें उन दोनों ने तिहाड़ जेल में बंद अपने बीमार पिता की रिहाई की मांग की।

हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता शाहिद-उल-इस्लाम

तिहाड़ जेल में बंद हुर्रियत नेता की बेटियों ने पीएम मोदी को लिखा भावुक खत, पिता के रिहाई की मांग की

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद फैलाने के आरोप में जल में बंद एक हुर्रियत नेता की बेटी ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखकर अपने पिता की रिहाई की मांग की है। बता दें कि सुजेन और सुंदास शाह नाम की दो लड़कियों ने प्रधानमंत्री को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे की याद दिलाते हुए एक भावुक पत्र लिखा जिसमें उन दोनों ने तिहाड़ जेल में बंद अपने बीमार पिता की रिहाई की मांग की। पत्र में लिखा कि उन दोनों ने तिहाड़ जेल में अपने पिता से मुलाकात की है और उन्हें पाकिस्तान की जेल में बंद कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी की उनसे मुलाकात की स्थिति की याद दिलाता है।

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दोनों लड़कियों ने की प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की अपील

आपको बता दें कि सुजेन और सुंदास मीरवाइज की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता शाहिद-उल-इस्लाम की बेटियां हैं। ये दोनों श्रीनगर के एक मिशनरी स्कूल में पढती हैं। बता दें कि जांच एजेंसी एनआईएन ने आतंकियों को वित्त पोषित करने के आरोप में गिरफ्तार किया है और बीते वर्ष जून से जेल में बंद है। मीडिया रिपोर्ट में छपे उनके पत्र में लिखा गया है कि “उस देश में जहां प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ नारे से उम्मीद खो चुकी सुविधाहीन लड़कियों के बीच उम्मीद जगती है, हम अपनी पढ़ाई को जारी रखने में सक्षम नहीं हैं।” दोनों लड़कियों ने पत्र में लिखा है कि हमारे लिए अब हमारा घर एक जेल की तरह है। उनके खिलाफ लगाए गए कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं। पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की है कि इस मामले में तत्काल व्यक्तिगत हस्तक्षेप करें। बता दें कि दोनों लड़कियों ने कहा है कि बीते 11 महीने से हमारी जिन्दगी एक अनाथ की तरह गुजरी है। उन्होंने कहा है कि पापा का वजन 15 किलो तक घट गया है और वे मधुमेह, हाइपरटेंशन, गठिया से ग्रसित हैं। हम इस हात में मुश्किल से उन्हें पहचान सके।

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