अनशन तोड़ने से पहले कही ये बात अनशन तोड़ने से पहले हार्दिक ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने कहा, ‘किसानों और समाज की कुलदेवी श्री उमिया माताजी मंदिर-ऊंझा और श्री खोड़ल माताजी मंदिर-कागवड के प्रमुख लोगों ने मुझे कहा कि तुम्हें जिंदा रहकर लड़ाई लड़नी है। सभी का सम्मान करते हुए अनिश्चितकालीन उपवास खत्म कर रहा हूं।’
कई दिग्गजों ने की मुलाकात अनशन के दौरान हार्दिक को कई सियासी दिग्गजों का साथ मिला इनमें भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल थे। हार्दिक से मिलने वालों में लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी शामिल थे। इसके साथ ही सपा नेता अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया था।
‘अंग्रेजों की हुकूमत नहीं देखी तो आइए गुजरात’ हार्दिक ने इससे पहले भी अस्पताल से लौटने के बाद भी ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने अपने घर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को निशाने पर लिया था। उन्होंने लिखा था, ‘घर पहुंचते ही फिर से मेरे निवास स्थान के बाहर हजारों की तादाद में पुलिस को तैनात कर दिया और लोगों को रोकने लगी, अगर आपने अंग्रेज हुकूमत नहीं देखी तो आइए एक बार गुजरात, हमारे निवास स्थान पर आपको वाघा बॉर्डर का भी नजारा देखने को मिलेगा। सत्ता के नशे में जनता पर अमानवीय अत्याचार है।’