कैंसर का इलाज कराने के लिए के मिली अस्थायी जमानत
एक हफ्ते पहले न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से धन निकालने के मामले में निचली अदालत से दोषी ठहराए गए और जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को कैंसर के इलाज के लिए 15 मार्च तक अस्थाई जमानत दी थी। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार की पीठ को पूर्व मुख्यमंत्री के वकील ने बताया कि मिश्रा का हरियाणा के गुड़गांव स्थित मेदांदा अस्पताल में कैंसर का इलाज चल रहा है और यह इलाज रांची में राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में संभव नहीं है। मिश्रा के मामले में चिकित्सकों के दल ने बीमारी की पुष्टि की और बताया कि इसका इलाज यहां संभव नहीं है। रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मिश्रा को विशिष्ट कीमोथेरेपी की आवश्यकता है जो उन्हें यहां नहीं दी जा सकती है। इसके बाद न्यायालय ने इलाज के लिए मिश्रा को अस्थाई जमानत देने का फैसला किया और उन्हें 16 मार्च या उसके पहले ही अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए।
एक हफ्ते पहले न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ ने चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से धन निकालने के मामले में निचली अदालत से दोषी ठहराए गए और जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को कैंसर के इलाज के लिए 15 मार्च तक अस्थाई जमानत दी थी। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार की पीठ को पूर्व मुख्यमंत्री के वकील ने बताया कि मिश्रा का हरियाणा के गुड़गांव स्थित मेदांदा अस्पताल में कैंसर का इलाज चल रहा है और यह इलाज रांची में राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में संभव नहीं है। मिश्रा के मामले में चिकित्सकों के दल ने बीमारी की पुष्टि की और बताया कि इसका इलाज यहां संभव नहीं है। रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मिश्रा को विशिष्ट कीमोथेरेपी की आवश्यकता है जो उन्हें यहां नहीं दी जा सकती है। इसके बाद न्यायालय ने इलाज के लिए मिश्रा को अस्थाई जमानत देने का फैसला किया और उन्हें 16 मार्च या उसके पहले ही अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के निर्देश दिए।
राजद समर्थकों में निराशा
दरअसल चारा घोटाले के पांच मामलों में से तीन पर सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। डोरंडा और दुमका कोषागार से जुड़े दो मामलों में स्पीडी ट्रायल जारी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजद नेताओं और समर्थकों के बीच निराशा छा गई है। इससे पहले उन्होंने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान जबलपुर कोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह ने कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से दलील रखी। कोर्ट ने उनकी दलील मानने से इंकार कर दिया।
दरअसल चारा घोटाले के पांच मामलों में से तीन पर सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। डोरंडा और दुमका कोषागार से जुड़े दो मामलों में स्पीडी ट्रायल जारी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजद नेताओं और समर्थकों के बीच निराशा छा गई है। इससे पहले उन्होंने सीबीआई कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान जबलपुर कोर्ट के वकील राजेंद्र सिंह ने कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से दलील रखी। कोर्ट ने उनकी दलील मानने से इंकार कर दिया।