आयकर विभाग ने हाल ही में टैक्स रिटर्न फॉर्म (आईटीआर-2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसके तहत अप्रवासी भारतीयों को देश के बाहर बैंक खातों का ब्योरा देना होगा।
मुंबई: अब अप्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के विदेशी खातों पर आयकर विभाग की भी नजर रहेगी। अब तक एनआरआई टैक्स से बचते रहे हैं, लेकिन अब सरकार इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। हर साल बहुत से भारतीय 182 दिन देश से बाहर रहकर खुद को अप्रवासी साबित करते हैं और देश में जमा धन को वैध बताते हैं।
अब देना होगा देश के बाहर के बैंक खातों का ब्योरा
ऐसे लोगों के लिए अब टैक्स से बचना आसान नहीं होगा। आयकर विभाग ने हाल ही में टैक्स रिटर्न फॉर्म (आईटीआर-2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसके तहत अप्रवासी भारतीयों को देश के बाहर बैंक खातों का ब्योरा देना होगा। अब तक भारत में रहने वाले लोगों को ही विदेशी खातों की जानकारी देनी होती थी, लेकिन अब एनआरआई को भी अपने विदेशी खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी।
यह कदम क्यों
दरअसल, सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि बहुत से भारतीय और अप्रवासी भारतीयों ने स्विट्जरलैंड में छिपाए गए कालेधन को बचाने के लिए दुबई, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में बैंक खाते खुलवाए हैं।
ऐसे देनी होगी जानकारी
एनआरआई को आयकर विभाग को अपने विदेशी बैंक खाते, बैंकों के नाम, जिन देशों में बैंक हैं, उनके नाम, स्विफ्ट कोड और इंटरनेशनल बैंक खाता नंबर (आईबीएएन) बताने होंगे। स्विफ्ट कोड बैंक की पहचान करने में मदद करेगा, जबकि इंटरनेशनल बैंक खाता नंबर अन्य जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।