केंद्रीय प्रोविडेंट फंड आयुक्त डॉ वी पी जॉय की चिठ्ठी में लिखा गया है कि आईबी ने इस संबंध में पहले ही आदेश दे दिए थे कि डाटा की सुरक्षा के लिए नियमित ऑडिट और समय-समय पर टेस्टिंग करवाई जानी चाहिए। आयुक्त ने मंत्रालय को इस समस्या को दूर करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम तैनात करने के लिए कहा है। पत्र में ‘सीक्रेट’ यानी गोपनीय शीर्षक लगा हुआ है। दिल्ली की कॉमन सर्विस टीम को भी पत्र दिया गया है। आयुक्त ने चिठ्ठी में कहा है कि अभी वेबसाइट का सर्वर और इससे जुड़ी दूसरी सेवाओं को रोक दिया गया है।
ईपीएफओ की सफाई
हालांकि मामला गर्माने के बाद ईपीएफओ ने सफाई दी है कि डाटा और सॉफ्टवेयर की आशंकाओं को लेकर ऐसी चेतावनी एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। इसके आधार पर कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए दी जाने वाली सेवाएं 22 मार्च से स्थगित कर दी गई है। ईपीएफओ ने कहा, यह कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए हुआ है। ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर या डाटा सेंटर से नहीं हुआ है। अभी तक किसी तरह के डाटा चोरी की पुष्टि नहीं हुई है। वही यूआईडीएआई ने कहा है कि यह वेबसाइट प्राधिकरण की नहीं है। आधार के सर्वर से किसी डाटा की चोरी नहीं हुई है।