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फर्जी डिग्री विवाद में फंसे DUSU अध्यक्ष अंकिव बैसोया, नहीं बता पाए किसी टीचर का नाम

Published: Sep 19, 2018 08:42:58 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

डूसू चुनाव में अंकिव अध्यक्ष पद पर जीते हैं। उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद भी एबीवीपी के खाते में गया है, जबकि एनएसयूआई को सिर्फ सचिव पद पर जीत मिली है।

Ankiv Baisoya

Ankiv Baisoya

नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ (डूसू) के नए अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री को लेकर हो रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, एनएसयूआई ने अंकिव की ग्रेजुएशन की डिग्री को फर्जी बताया है, जिसके आधार पर उन्होंने डीयू में दाखिला लिया है। एनएसयूआई ने इन आरोपों का आधार एक आरटीआई को बताया है। इस बीच अंकिव बैसोया लगातार विवादों में घिरते चले जा रहे हैं।

किसी टीचर का नाम नहीं बता पाए अंकिव बैसोया

बुधवार को एक मीडिया चैनल से बात करते हुए अंकिव ने अपने उपर लग रहे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझपर लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं। आरोपों को लेकर अंकिव ने सफाई देते हुए कहा कि एनएसयूआई वक्त बर्बाद करने के लिए ऐसे अनर्गल आरोप लगा रही है, ताकि हम विवादों में उलझ जाएं और काम की तरफ ध्यान ना लगा पाएं। इस बीच हैरान करने वाली बात ये है कि जब अंकिव से उनकी ग्रेजुएशन डिग्री और यूनिवर्सिटी के बारे में सवाल किए तो वो कई सवालों का जवाब नहीं दे पाए। यहां तक कि वो अपने यूनिवर्सिटी के किसी टीचर का नाम तक नहीं बता पाए।

एनएसयूआई ध्यान भटकाने की कर रही है कोशिश- अंकिव

अंकिव ने कहा, ‘एनएसयूआई ने पहले ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया, जिसमें वह फेल हो गई। अब ये फर्जी डिग्री का आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि ये चाहते हैं कि हम इन्हीं सब में फंसे रहें और कार्यकाल खत्म हो जाए।’ अंकिव से जब ग्रेजुएशन के किसी टीचर का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘एचचओडी (HOD) या टीचर का नाम ध्यान नहीं आ रहा है, जैसे ही याद आएगा बताऊंगा। 2 साल हो गए ग्रेजुएशन किए हुए, वहां आना जाना लगा रहता था। ऐसा नहीं था कि पूरे टाइम वहीं रहा। एक दो टीचर हैं जो ध्यान में आ रहे हैं, लेकिन नाम याद आएगा तो आपको बताउंगा।’

ग्रेजुएशन के विषयों के बारे में ले-देकर दी जानकारी

इस दौरान अंकिव ने ग्रेजुएशन के कई विषयों के बारे में भी बड़े हिचकते हुए बताया। जब उनसे ग्रेजुएशन के विषय के बारे में पूछा गया तो वह सिर्फ इंग्लिश के बारे में बता पाए। उन्होंने बताया, ‘इंग्लिश और स्किल बेस्ड सब्जेक्ट्स मेरी प्राथमिकता में रहते थे और उनमें मेरे नंबर भी ठीक हैं।’ अंकिव ने बताया कि उन्होंने थिरुवल्लूर यूनिवर्सिटी से 2013-2016 के बीच ग्रेजुएशन पूरी की है।

डूसू चुनाव में एबीवीपी ने जीती थी तीन सीटें

डूसू चुनाव में अंकिव अध्यक्ष पद पर जीते हैं। उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद भी एबीवीपी के खाते में गया है, जबकि एनएसयूआई को सिर्फ सचिव पद पर जीत मिली है।

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