राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के रहे हैं सदस्य राजीव कुमार 2006-08 तक भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य रहे हैं। उन्हें एशियन डिवेलपमेंट बैंक और वित्त, उद्योग मंत्रालयों में काम करने का भी अनुभव है। राजीव सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) के सीनियर फेलो और पहले इंडिया फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं।
आर्थिक उदारीकरण के हैं पैरोकार गौरतलब है कि अरविंद पनगढ़िया नीति आयोग के गठन के बाद पहले उपाध्यक्ष बने थे। अध्यापन के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तात्कालिक रूप से शिक्षा क्षेत्र में लौटने की बात कहकर उन्होंने इस्तीफा दिया है। अरविंद पांच जनवरी, 2015 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष बने थे। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया मोदी के आर्थिक उदारीकरण के पैरोकार माने जाते रहे हैं।
पनगढ़िया कोलंबिया विवि में हैं प्रोफेसर भारतीय-अमरीकी अर्थशास्त्री अरविंद नीति आयोग के उपाध्यक्ष बनने से पहले कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे हैं। वह इससे पहले एशियाई विकास बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रहे हैं. इसके अलावा वह वर्ल्ड बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व व्यापार संगठन और अंकटाड में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने प्रतिष्ठित प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है। पनगढि़या ने तकरीबन 10 किताबें लिखी हैं. भारत के संदर्भ में उनकी किताब India: The Emerging Giant खासी चर्चित रही. यह पुस्तक 2008 में प्रकाशित हुई थी.