प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे
पाटेकर ने प्रदर्शन मार्च की अगुवाई की और किसानों ने केंद्र में भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि की है। इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव भी यहां किसानों को संबोधित कर सकते हैं। कई महिला किसान और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को किसानों के पक्ष में नारे लगाते देखा गया। किसानों के कई समूह ने एआईकेएससीसी के बैनर तले गुरुवार को दिल्ली के निजामुद्दीन, सब्जी मंडी स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और मजनू का टीला से रैली निकाली।
200 से ज्यादा किसान संगठनों ने लिया हिस्सा
स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने ब्रिजवासन से रामलीला मैदान तक 26 किलोमीटर की प्रदर्शन रैली निकाली, जिसमें ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान के किसान शामिल हुए। कई लड़कियां जिनके किसान पिता ने आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने अपने गले में अपने दिवंगत पिता की फोटो लटकाकर रैली में हिस्सा लिया। शुक्रवार की रैली एआईकेएससीसी द्वारा आयोजित चौथी बड़ी रैली है, जिसमें 200 से ज्यादा किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। इस विरोध प्रदर्शन में मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों पर गोलीबारी के बाद भाजपा सरकार के ‘गैर-किसान’ नीतियों के विरोध में भी प्रदर्शन किया जा रहा है। वर्ष 2017 की इस घटना में छह किसान मारे गए थे।
संसद के विशेष सत्र की मांग
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हटकांगला के सांसद राजू शेट्ठी ने 2017 में संसद में दो निजी विधेयक पेश किया था, जिसमें उन्होंने कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के आधार पर कृषि उत्पादों की निश्चित लाभकारी कीमतों की मांग की थी। एआईकेएससीसी ने इस बाबत संसद के विशेष सत्र की मांग की है ताकि बिलों पर चर्चा हो सके और इसे पारित कराया जा सके। संगठन का कहना है कि 21 राजनीतिक पार्टियों ने इस बिल के समर्थन की बात कही है। इसके साथ ही एआईकेएससीसी ने प्रदर्शन मार्च में भाग लेने के लिए मोदी को पत्र भी लिखा है।