रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पार से आतंकी हमलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे में पाक के साथ वार्ता की संभावना किसी भी सूरत में नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में नई सरकार होने के बावजूद एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है। सीजफायर उल्लंघन जारी है और हमारी सीमा पर आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश भी कर रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों के समर्थक रहे हैं। लेकिन, केवल संबंध को आगे बढ़ाने के लिए वार्ता नहीं कर सकते, क्योंकि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर आतंक को पनाह देता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मुंबई में हुए घातक 26/11 आतंकी हमले के दस साल हो गए, लेकिन अब तक पाकिस्तान ने अपने देश में रह रहे इस हमले के मास्टरमाइंड के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। भारत की ओर से अनेक डोजियर दिए गए, लेकिन पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में कहा यदि भारत एक कदम आगे बढ़ेगा, तो पाकिस्तान दो कदम बढ़ाएगा।
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण का यह बयान उस वक्त आया है, जब ट्रंप प्रशासन में दक्षिण और सेंट्रल एशिया मामलों की डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी एलिस वेल्स ने कहा कि वार्ता के लिए स्थितियों को अनुकूल बनाने की आवश्यकता है। वेल्स ने कहा था कि भारत-पाक वार्ता का अमेरिका समर्थन करेगा। लेकिन, गुरुवार को सीतारमण ने साफ कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए पाकिस्तान से वार्त की कोई उम्मीद नहीं है।