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रक्षा मंत्रालय से 9100 करोड़ की खरीदारी को मंजूरी, टी-90 टैंक पानी में भी करेगा दुश्मन का सफाया

Published: Sep 18, 2018 05:12:41 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

रक्षा सौदों में पानी के अंदर दुश्मन को मार गिराने की क्षमता रखने वाले कई उपकरण भी शामिल हैं। वहीं आकाश के लिए मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई है।

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रक्षा मंत्रालय से 9100 करोड़ की खरीदारी को मंजूरी, टी-90 टैंक पानी में भी करेगा दुश्मन का सफाया

नई दिल्ली। भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने और सशस्त्र सेनाओं अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में सरकार ने एक कदम और बढ़ाया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषदकी बैठक (DCA) में 9100 करोड़ रूपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दी। सौदों में पानी के अंदर दुश्मन को मार गिराने की क्षमता रखने वाले कई उपकरण भी शामिल हैं। वहीं आकाश के लिए मेक इन इंडिया को प्राथमिकता दी गई है।

स्वदेशी आकाश मिसाइल और टी-90 टैंक बढ़ाएंगे ताकत

डीसीए की बैठक में सशस्त्र सेनाओं को उपकरणों से लैस करने के लिए स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम की दो रेजिमेंट की खरीद, टी-90 टैंकों के लिए पानी के नीचे सांस लेने में मदद करने वाले उपकरण और दिशा निर्देशित हथियार प्रणाली विकसित करने को मंजूरी दी गई। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार आकाश मिसाइल प्रणाली ‘देश से ही खरीदो’ श्रेणी में भारत डॉयनामिक्स लिमिटेड से खरीदी जाएगी। ये मौजूदा आकाश मिसाइलों का उन्नत संस्करण होगा। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित मिसाइल 360 डिग्री पर कहीं भी किसी भी दिशा में प्रहार करने में सक्षम होगी।

इससे पहले 46 हजार करोड़ के खरीदारी को मिली मंजूरी

इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने थल सेना और नौसेना के लिए 46 हजार करोड़ रूपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दी थी। इसमें थल सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में 150 स्वदेशी अत्याधुनिक तोप प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दी इस तोप प्रणाली का डिजाइन और विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 3364 करोड़ रूपए होने का अनुमान है। ये तोप भविष्य में सेना के तोपखाने का प्रमुख आधार बनेगी। इस तरह के प्रोजेक्ट से सरकार की मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा मिलेगा और देश रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। वहीं भारतीय नौसेना के बेड़े को मजबूत बनाने के लिए पुराने पड़ चुके चेतक हेलिकॉप्टरों के बेड़े को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नौसेना के लिए 21 हजार करोड़ रूपए की लागत से 111 हेलिकॉप्टरों, 24 बहुउद्देशीय हेलिकॉप्टर एमएच 60 ‘रोमियो’ और छोटी दूरी की 14 मिसाइल प्रणाली की खरीद को भी हरी झंडी दिखाई गई।

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