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कश्मीरी पत्रकार की रिहाई के लिए सीपीजे ने राज्यपाल को लिखा पत्र

locationनई दिल्लीPublished: Jan 16, 2019 07:48:52 pm

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

सीपीजे इस बात पर जोर दिया है कि साक्षात्कार लेना या उन्हें सूत्र बनाना पत्रकारिता के दायरे में आता है और इसे अपराध में नहीं गिना जा सकता।

satyapal malik

कश्मीरी पत्रकार की रिहाई के लिए सीपीजे ने राज्यपाल को लिखा पत्र

जम्मू एवं कश्मीर में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार एक कश्मीरी पत्रकार की रिहाई के लिए कमेटी फॉर प्रोटेक्शन ऑफ जर्नलिस्ट (सीपीजे) ने बुधवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक को एक पत्र लिखा है। सीपीजे के एशियाई कार्यक्रम समन्वयक स्टीवन बटलर की ओर से लिखे गए पत्र के अनुसार- एक कश्मीरी पत्रकार आसिफ सुल्तान पर आतंकवादियों से संबंध होने और उनकी मदद करने के झूठे आरोप हैं।
पत्र में लिखा है कि- ‘उनके संपादक और परिवार ने इन दावों को पूरे विश्वास के साथ संदिग्ध बताते हुए कहा है कि उनका काम विशुद्ध पत्रकार का है, जो समाचार एकत्र करता है।‘
सुल्तान ने हिजबुल के मारे गए कमांडर बुरहान वानी पर पिछले साल जुलाई में एक स्थानीय अखबार में एक लेख लिखा था।

बटलर ने पत्र में यह भी लिखा है कि- ‘पुलिस ने हिरासत के दौरान सुल्तान से कथित रूप से लेख को लेकर बार-बार पूछताछ की है। उसने उनसे खबर के सूत्र का खुलासा करने के लिए कहा और पूछा कि आखिर उन्होंने कश्मीर में हिंसा पर रिपोर्ट क्यों लिखी। पुलिस ने समाचार पत्र में छपी हेडलाइन पर भी सवाल किए।‘
बटलर ने लिखा कि- ‘हम समझते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर मुश्किल हालात का सामना कर रहा है, लेकिन सीपीजे इस बात पर जोर देना चाहती है कि सरकार विरोधी लोगों के साक्षात्कार लेना या उन्हें सूत्र बनाना पत्रकारिता के दायरे में आता है और इसे अपराध में नहीं गिना जा सकता।‘
उन्होंने कहा कि- ‘कश्मीर में संघर्ष जैसे मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण स्टोरी लिखना समाज सेवा है, कोई आपराधिक कृत्य नहीं।‘

पत्र के अनुसार- ‘पिछले साल, सीपीजे ने शुजात बुखारी की हत्या समेत कई पत्रकारों पर हुए हमले पर तथा कई पत्रकारों से उनके काम को लेकर की गई पूछताछ और उनकी हिरासत पर दस्तावेज तैयार किए थे।‘
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