हिंदी सुनकर चौंक गए जस्टिस गोगोई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में एक अतिरिक्त जिला अदालत के जज ने अपनी पदोन्नति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। मामले की सुनवाई खुद भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे। जज ने सुनवाई शुरु होने के बाद जब अपनी बात रखनी शुरु की तो सीजेआई चौंक गए। दरअसल निचली अदालत के जज सुप्रीम कोर्ट में हिंदी में बात कर रहे थे। इसपर जस्टिस गोगोई ने पूछा कि क्या आप अंग्रेजी में बात नहीं कर सकते क्योंकि आप एक जज हैं ?
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निचली अदालत में भाषा की बाध्यता नहीं
चीफ जस्टिस के सवाल पर अतिरिक्त जिला अदालत के जज ने कहा कि नहीं, मैं अंग्रेजी में बात नहीं कर सकता हूं। इसके बाद जस्टिस गोगोई ने कहा कि आप जहां भी तैनात हैं, वहां अपनी क्षेत्रीय भाषा या हिंदी में बात कर सकते हैं लेकिन ये सुप्रीम कोर्ट है। यहां आपको अंग्रेजी में ही बात करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ अंग्रेजी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट और निचली अदालतों में बहस और आदेश में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करने की इजाजत है, लेकिन ये देश की सबसे बड़ी अदालत है। यहां बहस और आदेश दोनों के लिए अंग्रेजी आनिवार्य है। यहां होने वाली हर कार्यवाही में अंग्रेजी का ही इस्तेमाल होता है।
कोर्ट की नियमावली में भी अंग्रेजी का जिक्र
बता दें कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय की अभ्यास और प्रक्रिया और कार्यालय प्रक्रिया- 2017 हैंडबुक भी भी यही कहता है कि सुप्रीम कोर्ट में इस्तेमाल होने वाली भाषा और सभी कार्यवाही अंग्रेजी में होगी।