– लोगों ने की सुरक्षा की मांग
इस हादसे के बाद लोगों का कहना है कि १ साल पहले ही प्लास्टर हुआ था, कैसे टूट सकता है? आखिर इसके पीछे कौन जिम्मेदार है? साथ ही उन्होंने अपने सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए। माझेरहाट ब्रिज हादसे के बाद यह ब्रिज हाजरा रूट से बेहला के वाहनों को जोडऩे का काम कर रहा है। पहले की तुलना में पिछले ५ दिनों इसपर भार भी बढ़ गया है। जहां तक इसकी मजबूती की बात करे तो इसकी हालत भी कुछ खास अच्छी नहीं है।
—————————–
जान जोखिम में डाल रह रहे ब्रिज के नीचे
हादसे के बावजूद जान जोखिम में डालकर अभी भी लोग ब्रिजों के नीचे रह रहे हैं। उल्टाडांगा, सियालदह, चेतला, विवेकानंद फ्लाईओवर आदि के नीचे रोजाना लोगों को देखा जाता है। आश्चर्य की बात तो यह है कि माझेरहाट ब्रिज के नीचे जहां से रेलवे स्टेशन की ओर रास्ता जाता है वहां कुछ लोग छोटी-मोटी अस्थाई दुकानें लगाने लगी हैं। उन लोगों के अनुसार उनके पास अपने जीवन को चलाने के लिए ये दुकानें ही एक मात्र सहारा है। अगर वे यहां दुकानें नहीं लगाएंगे तो कहां जाएंगे। वह अपनी जान को जोखिम डालकर पेट पालने को मजबूर हैं।